Published 21:35 IST, June 14th 2024
बिल्ली को दूध की रखवाली! MP नर्सिंग घोटाले की जांच कर रहे CBI अधिकारी ही निकले भ्रष्ट
MP Nursing Scam: मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले जैसा एक और घोटाला सामने आया है, जिसमें मामले की जांच कर रहे अधिकारी ही घोटाले में शामिल हो गए।
Advertisement
(सत्य विजय सिंह)
मध्य प्रदेश में व्यापम जैसा एक और घोटाला सामने आया है, जहां घोटाले की जांच कर रहे अधिकारी ही घोटाले में शामिल हो गए। दरअसल, मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को लेकर जब जांच की मांग की गई तो ग्वालियर हाईकोर्ट ने इसे CBI को सौंप दिया। सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन फिर पता चला कि अधिकारी ही इस घोटाले में शामिल हो गए।
CBI ने MP के 169 कॉलेजों की एक लिस्ट दी, जिसमें से करीब 73 कॉलेज ऐसे थे, जिसे योग्य बताया गया था। वहीं 66 कॉलेज ऐसे थे जो अयोग्य थे। हालांकि, इस लिस्ट की जब जांच कराई गई तो पता चला कि 73 में से कई कॉलेज ऐसे थे, जो नियम के खिलाफ थे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, साल 2020 में मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या अचानक से बढ़ने लगी। बिना उचित मापदंड के ही नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता मिलने लगी। ऐसे में गड़बड़ी की आशंका देखते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट ने इसकी शिकायत की। शिकायत को राज्य सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया, जिसके बाद RTI एक्टिविस्ट ने फिर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI को जांच सौंप दी।
सीबीआई ने 304 नर्सिंग कॉलेज के खिलाफ जांच शुरू की , जांच के बाद सीबीआई ने हाई कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी , हालाकि रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद नर्सिंग घोटाला उजागर करने वालो को संदेह हुआ , जिसके बाद दिल्ली सीबीआई से शिकायत की गई , दिल्ली सीबीआई की टीम ने इन्वेस्टिगेशन के बाद पाया की कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में भी धांधली की गई है , जांच कर रही भोपाल सीबीआई के अफसरों ने रिश्वत लेकर 169 कॉलेजों को सुटेबल लिस्ट में डाल दिया , बाकी 73 को डिफिशिएंट और 66 को अनसुटेबल में डाल दिया ।
सीबीआई के 13 अधिकारी गिरफ्तार
इसके बाद दिल्ली सीबीआई की टीम ने भोपाल सीबीआई के 4 अफसरों समेत 23 लोगों को आरोपी बनाया, जिनसे में 13 गिरफ्तार भी किया। जिन सीबीआई अफसरों को गिरफ्तार किया गया, उनके पास से लाखों केस और सोने के बिस्किट भी मिले हैं।
सीबीआई अफसरों की रिश्वत कांड के खुलासे के बाद सरकार की किरकिरी हुई और कोर्ट में फिर से याचिका लगाई गई , अब कोर्ट ने नए सिरे से जांच के आदेश दिए। इसके साथ ही जांच के दौरान जिला न्यायाधीश को भी रखने का कहा गया। हाल ही में नर्सिंग काउंसिल ने 13 कॉलेज में बच्चों की मार्कशीट भेजी, लेकिन इन मार्कशीट को लेने वाला तक कोई नहीं था, जबकि इन 13 में से 3 कॉलेज सूटेबल लिस्ट के थे।
इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: जंगल की आग में झुलसे 4 वनकर्मी, CM धामी ने दिल्ली AIIMS में भर्ती कराने का दिया निर्देश
21:35 IST, June 14th 2024