Published 22:21 IST, December 29th 2023
निर्मला सीतारमण ने कहा- स्कूल और कॉलेज स्तर पर वित्तीय साक्षरता के बारे में पढ़ाया जाए
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्कूलों और कॉलेजों में वित्तीय साक्षरता के बारे में पढ़ाए जाने की वकालत की।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को स्कूलों और कॉलेजों में वित्तीय साक्षरता के बारे में पढ़ाए जाने की वकालत की। सीतारमण ने यहां ए एम जैन कॉलेज में “नए दशक में बदलता भारत” विषय पर छात्रों के साथ संवाद के दौरान कहा कि वित्तीय साक्षरता के बारे में पढ़ाया जाना बहुत जरूरी है और इसे जल्द शुरू करना होगा। फिलहाल यह पाठ्यक्रम से बाहर पढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “आपके पास रिजर्व बैंक, सेबी जैसी संस्थाएं और कुछ राष्ट्रीय प्रतिभूति डिपॉजिटरी भी हैं। यदि आप चाहें तो वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं, जो कुछ हफ़्तों तक चलते हैं। लेकिन इसे स्कूलों और कॉलेजों में पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए।”
वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने का लक्ष्य है तो बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए कच्चे माल या मध्यस्थ उत्पादों का आयात करने में कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा, “आदर्श तौर पर मैं चाहूंगी कि आयात की तुलना में निर्यात अधिक हो क्योंकि इससे कमाई होती है। लेकिन अगर आयात से आपका निर्यात धीरे-धीरे बढ़ता है तो फिर क्यों नहीं। यदि आयात होता है, तो यह कभी-कभी अच्छा होता है।”
रक्षा उत्पादन पर सीतारमण ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए जरूरी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी विनिर्माण के प्रोत्साहन के लिए बजटीय प्रावधान करने के अलावा केंद्र ने सुनिश्चित किया कि निर्यात की सुविधा के लिए एमएसएमई द्वारा बनाए गए उत्पादों को भारतीय सेना प्रमाणित करे। इसके अलावा 10 साल तक उत्पाद खरीदने की व्यवस्था भी लागू की गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हवाला देते हुए सीतारमण ने कहा कि रक्षा उपकरण निर्यात के तीन महीनों में 24,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना है। इस साल यह 20,000 करोड़ रुपये रहा था। उन्होंने कहा कि भारतीय रुपये में द्विपक्षीय कारोबार करने के लिए अफ्रीकी देशों, रूस और श्रीलंका से बात चल रही है।
इसके साथ ही उन्होंने कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल बढ़ने से नौकरियां खत्म होने के बारे में जताई जा रही आशंकाओं को नकार दिया। उन्होंने कहा कि यह कई क्षेत्रों में चुनौतियों से निपटने के लिए कुशल श्रमशक्ति के उभार का रास्ता खोलेगा। सीतारमण ने कहा, “आपको एआई में विशेषज्ञता वाले लोगों की आवश्यकता है। एआई का उपयोग करने के लिए आपको ऐसे उपकरण विकसित करने होंगे जिनकी मदद से आप एआई की क्षमता का दोहन कर सकें।”
Updated 15:43 IST, December 30th 2023