पब्लिश्ड 22:02 IST, January 22nd 2024
बजट में कागज और पेपरबोर्ड पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25% किया जाए: IPMA
घरेलू कागज और पेपरबोर्ड विनिर्माताओं ने आगामी आम बजट में कागज उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लगाने की मांग की है।
घरेलू कागज और पेपरबोर्ड विनिर्माताओं ने आगामी आम बजट में कागज उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लगाने की मांग की है। भारतीय कागज विनिर्माता संघ (आईपीएमए) ने सोमवार को एक बयान में यह मांग करते हुए कहा कि सस्ते आयात को हतोत्साहित करने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
संगठन ने कहा कि उसने बजट से पहले सरकार को अपने ज्ञापन में कागज और पेपरबोर्ड के आयात पर मूल सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। आईपीएमए ने कहा कि इन उत्पादों पर भारत की डब्ल्यूटीओ सीमा दर 40 प्रतिशत है।
ज्ञापन में भारतीय उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और देश में घटिया उत्पादों के आयात की जांच करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के कागज के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी करने को भी कहा गया है।
आईपीएमए के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने सरकार से मौजूदा एफटीए (आसियान, दक्षिण कोरिया और जापान) की समीक्षा करते समय और नए एफटीए तैयार करते समय कागज और पेपरबोर्ड को नकारात्मक सूची में रखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में किसी भी बढ़ोतरी से एफटीए के तहत देश में आने वाले शुल्क मुक्त आयात पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कागज की विभिन्न श्रेणियों के आयात पर उपयुक्त सुरक्षा, एंटी-डंपिंग और काउंटरवेलिंग शुल्क शीघ्रता से लगाया जाना चाहिए। खास तौर से व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिश के बाद ऐसा तुरंत करना चाहिए।
अपडेटेड 22:02 IST, January 22nd 2024