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Published 19:25 IST, July 25th 2024

Bone Marrow Transplant: MP के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय में 100 से ज्यादा मरीजों में ट्रांसप्लांट

काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बृहस्पतिवार को आयोजित समारोह में कहा,"इंदौर को अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की राष्ट्रीय राजधानी बनाने की कोशिश की जानी चाहिए

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Bone marrow transplant
Bone marrow transplant | Image: freepik

इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़े दो अस्पतालों में पिछले छह सालों के दौरान 85 बच्चों समेत 102 मरीजों में अस्थि मज्जा (बोन मैरो) प्रत्यारोपण करके उन्हें नयी जिंदगी दी गई है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अस्थि मज्जा को स्टेम कोशिका का प्रत्यारोपण भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया में शरीर में स्वस्थ रक्त बनाने वाली स्टेम कोशिकाओं को डाला जाता है ताकि उन अस्थि मज्जा को बदला जा सके जो स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को नहीं बना रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि…

अधिकारियों ने बताया कि शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय और शासकीय सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में पिछले छह सालों के दौरान 85 बच्चों और 17 वयस्कों में अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण किया गया जिनमें थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया और रक्त कैंसर सरीखी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों में ये प्रक्रियाएं बहुत महंगी हैं, जिनकी लागत लाखों रुपये तक होती है। राज्य के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बृहस्पतिवार को आयोजित समारोह में कहा,"इंदौर को अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की राष्ट्रीय राजधानी बनाने की कोशिश की जानी चाहिए। इसके लिए चिकित्सकों को योजना बनानी चाहिए। इसे अमली जामा पहनाने के लिए हम सरकार और समाज की ओर से हरसंभव मदद दिलाएंगे।’’

विजयवर्गीय ने शहर में बच्चों को परोसे जाने वाले पिज्जा, मोमोज और नूडल्स का स्वाद बढ़ाने के लिए इनमें हानिकारक सिरप मिलाए जाने की आशंका भी जताई और कहा कि वह अधिकारियों को इस बारे में जांच का आदेश देंगे।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 19:25 IST, July 25th 2024