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Published 15:30 IST, October 31st 2024

बिहार में जात और भात के नाम पर वोट नहीं दें लोग: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने दावा किया कि बिहार में अब तक सत्ता में रही सरकारों के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार ने भी उनके गृह राज्य बिहार की अनदेखी की है।

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Prashant Kishor
Prashant Kishor | Image: PTI

Bihar News: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को बिहार के लोगों से ‘जात’ (जाति) और ‘भात’ (मुफ्त राशन) के नाम पर राजनीतिक दलों का समर्थन नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि लोगों द्वारा इस आधार पर मतदान करने की वजह से ही राज्य लंबे समय से पिछड़ा हुआ है। किशोर ने रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही, जहां अगले महीने उपचुनाव होना है।

राजनीति में युवा पेशेवरों को शामिल करने के लिए स्थापित मंच ‘‘इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी’’ (आईपीएसी) के संस्थापक किशोर ने दावा किया कि बिहार में अब तक सत्ता में रही सरकारों के साथ ही केंद्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भी उनके गृह राज्य बिहार की अनदेखी की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘लालू और नीतीश ने पूरे बिहार को 35 साल तक ‘जात’ (जाति) में फंसाये रखा। पिछले 10 साल से मोदी आपको पांच किलोग्राम ‘भात’ (मुफ्त राशन) के बदले में धोखा दे रहे हैं। अगर आप अपने और अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं तो आपको ‘जात’ और ‘भात’ के लिए वोट देना बंद कर देना चाहिए।’’

किशोर ने लोगों से भाजपा ‘‘जिसने स्पष्ट कर दिया है कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद एक और कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार का समर्थन करेगी’’ को वोट नहीं देने की अपील की। किशोर ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘लालू युग के दौरान अपराधियों के आतंक की जगह अब नीतीश कुमार के कार्यकाल में बेलगाम नौकरशाही के आतंक ने ले ली है। राज्य में जारी भूमि सर्वेक्षण के कारण उथल-पुथल मची हुई है। स्मार्ट प्री-पेड मीटर अनिवार्य किये जाने के बाद से लोगों को बिजली के अत्यधिक बिल आ रहे हैं और बिना किसी चेतावनी के उनके कनेक्शन काट दिए जा रहे हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अगर आप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन करते हैं, तो इससे नीतीश कुमार के हाथ मजबूत होंगे और आपकी परेशानियां जारी रहेंगी।’’

जन सुराज बिहार की उन सभी चार विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है, जहां 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। रामगढ़ सीट को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बरकरार रखना चाहती है। वहीं राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल भाजपा इसे वापस हासिल करने के प्रयास में लगी हुई है। बिहार में रामगढ़ के अलावा इमामगंज, बेलागंज और तरारी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं। ये सभी सीट इस साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव में संबंधित क्षेत्रों के विधायकों के विजयी होकर सांसद बनने के बाद खाली हुई थीं। इस बीच, जन सुराज द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने पार्टी उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह ‘‘स्कूल बैग’’ आवंटित किया है।

Updated 15:30 IST, October 31st 2024