sb.scorecardresearch

Published 22:57 IST, December 15th 2024

बिहार: BPSC परीक्षा केंद्र पर अधिकारी की मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश

BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा को बाधित करने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ पटना जिला प्रशासन ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की।

Follow: Google News Icon
  • share
BPSC
BPSC | Image: Republic World

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा को बाधित करने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ पटना जिला प्रशासन ने रविवार को हत्या का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की।

घटना के दौरान ड्यूटी पर तैनात एक अधिकारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी, जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गयी है।

पटना के जिलाधिकारी द्वारा बीपीएससी को सौंपी गई रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई, जिसकी प्रतियां मीडिया को उपलब्ध कराई गयी हैं।

पटना के कुम्हरार इलाके में स्थित बापू परीक्षा परिसर में यह घटना 13 दिसंबर को हुई। बापू परीक्षा परिसर उन 900 से अधिक केंद्रों में से एक था, जहां यह प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की गयी।

इस प्रतियोगी परीक्षा में लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।

उपजिलाधिकारी रैंक के एक अधिकारी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में ‘परीक्षार्थियों के रूप में असामाजिक तत्वों द्वारा परीक्षा रद्द करवाने के उद्देश्य से व्यवधान पैदा करने की कोशिश किये जाने’ की बात कही गई है।

रिपोर्ट में इस पूरे प्रकरण में ‘कई कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच’ की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।

परीक्षा वाले दिन बापू परीक्षा परिसर में 5,000 से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित थे तथा परीक्षा हॉल से बाहर निकलकर उन्होंने आरोप लगाया कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है। परीक्षा केंद्र के बाहर भी भारी भीड़ जमा हो गई थी तथा पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रित किया गया।

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह भी मौके पर पहुंचे और घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह (जिलाधिकारी) एक उपद्रवी को थप्पड़ मारते नजर आ रहे थे।

हंगामे के दौरान राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और जिला प्रशासन की रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण परीक्षा केंद्र से सटी सड़क पर यातायात जाम को बताया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क जाम होने के कारण अधिकारी को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सका।

रिपोर्ट में बताया गया, “ अभ्यर्थियों और अन्य असामाजिक तत्वों (जो विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं) के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की जाती है।”

चंद्रशेखर सिंह ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “जिला प्रशासन बापू परीक्षा परिसर परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रहा है। केंद्र पर हंगामा करने वाले 10 से 12 असामाजिक तत्वों की पहचान करने के लिए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की निगरानी में दो टीमें गठित की गई हैं।”

सिंह ने बताया कि असामाजिक तत्वों ने अन्य परीक्षा हॉल के परीक्षार्थियों से प्रश्नपत्र भी छीने, परिसर के अंदर विरोध प्रदर्शन करते हुए बाहरी लोगों को प्रश्नपत्र मुहैया कराए और केंद्र के परीक्षा अधीक्षक को बंधक भी बनाया।

अधिकारी ने बताया कि अगर वे (असामाजिक तत्व) परीक्षार्थी निकले तो जिला प्रशासन आयोग से अनुरोध करेगा कि उन्हें बीपीएससी परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाए और उन्हें जेल भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस मामले में जिला पुलिस ने अब तक दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।

अधिकारी ने स्पष्ट किया कि कुल 5,671 अभ्यर्थियों ने बिना किसी परेशानी के उसी केंद्र पर अपनी परीक्षाएं पूरी कीं।

उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र पुस्तिकाओं के देर से वितरण के बहाने कुछ अभ्यर्थियों ने परीक्षा को बाधित करने के इरादे से परीक्षा का बहिष्कार किया और परीक्षा को रद्द करवाने की साजिश के तहत सुनियोजित तरीके से अफवाह फैलाई।

सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों को परीक्षा समाप्त होने से पहले पुस्तिकाएं, प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट आदि परीक्षा केंद्र से बाहर नहीं ले जानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका की भी जांच की जानी चाहिए।

Updated 22:57 IST, December 15th 2024