Published 22:12 IST, December 6th 2024
Bihar: BPSC Exam को लेकर बड़ी खबर, प्रीलिम्स में नहीं लागू होगा नॉर्मलाइजेशन, आयोग का आधिकारिक बयान
बिहार में BPSC एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन को लेकर चल रहे बवाल के बीच आयोग का बड़ा बयान सामने आया है। आयोग ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा।
बिहार में BPSC एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन को लेकर चल रहे बवाल के बीच आयोग का बड़ा बयान सामने आया है। बता दें, BPSC एग्जाम के अभ्यर्थियों ने लोकसेवा आयोग के दफ्तर के बाहर पटना में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने लाठीचार्ज भी किया। इस बीच लोक सेवा आयोग ने कहा है कि नॉर्मलाइजेशन की खबर भ्रामक है, प्रीलिम्स की परीक्षा एक शिफ्ट मं आयोजित की जाएगी। नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा।
BPSC की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, "13.12.2024 (शुक्रवार) को आयोजित की जाने वाली एकीकृत 70 वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा में Normalization प्रक्रिया अपनाए जाने संबंधित भ्रामक खबरें विभिन्न सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर चलाई जा रही है। आयोग खुद हैरान है कि Normalization की प्रक्रिया अपनाए जाने संबंधी भ्रामक खबर कैसे और कहां से उत्पन्न हुआ है, जबकि Normalization अपनाए जाने संबंधी कोई प्रस्ताव ही नहीं था। आयोग द्वारा उक्त परीक्षा में Normalization प्रक्रिया अपनाये जाने संबंधी काल्पनिक अफवाह फैलाने का प्रयास कतिपय कोचिंग संचालकों एवम् कथित छात्र नेताओं द्वारा अभ्यर्थियों को जानबूझकर दिग्भ्रमित करने के उद्देश्य से किया गया है।"
एक शिफ्ट में ही होगी परीक्षा
BPSC की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "इस संबंध में स्पष्ट करना है कि एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा हेतु प्रकाशित विज्ञापन के किसी कण्डिका में इस परीक्षा हेतु Normalization अपनाने का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही उसके बाद आयोग स्तर से उक्त परीक्षा Normalization प्रक्रिया से कराने की सूचना प्रकाशित की गई है। अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि उक्त परीक्षा का आयोजन पूर्व निर्धारित तिथि 13.12.2024 (शुक्रवार) को एकल पाली में (12:00 बजे मध्याह से 02:00 बजे अपराह्न तक) आयोजित की जायेगी, जिसमें Normalization जैसी कोई प्रक्रिया अपनाने का प्रस्ताव ही नहीं है।"
क्या है BPSC की नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया?
BPSC की नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के फायदे और नुकसान दोनों हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि परीक्षा में जिस अभ्यर्थी के मार्क्स कटऑफ से ज्यादा अगर है, तो वो कम हो सकता है। वहीं अगर किसी के नंबर कटऑफ से कम हैं, तो उसे इसका फायदा मिल सकता है। अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा रहने पर की पालियों में परीक्षा आयोजित किए जाने पर नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लागू किया जाता है।
लॉजिक ये है कि एक शिफ्ट में अगर कम सवाल का जवाब लिख पाए, या आपके नंबर कम आए, तो आयोग इस परीक्षा को ठप मानता है। वहीं अगर दूसरी शिफ्ट में अभ्यर्थियों ने ज्यादा सवाल के जवाब लिखे, और नंबर ज्यादा आएं, तो इसे आसान शिफ्ट माना जाता है। और चूंकि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू किया जाएगा, तो आसान शिफ्ट वालों को मिले मार्क्स के हिसाब से ठप शिफ्ट वालों का नंबर बढ़ जाएगा। मेहनत और लगन से परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के मनोबल को तोड़ने की इस साजिश का विरोध किया जा रहा है।
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Updated 22:35 IST, December 6th 2024