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Published 17:09 IST, September 4th 2024

सरिस्का के गायब टाइगर ST 2303 को लेकर बड़ा अपडेट, 4 लोगों को घायल करने के बाद हरियाणा बॉर्डर पहुंचा

अब हरियाणा में रेवाड़ी के गांव झाबुआ में फिर से टाइगर के पैरों के निशान देखे गए हैं, जिस से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि टाइगर ST 2303 वापस गांव में आ गया है।

Reported by: Nidhi Mudgill
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Tiger
सरिस्का के गायब टाइगर की ट्रैकिंग तेज | Image: Shutterstock

Tiger ST 2303 in Jhabua: यूपी के 30 से ज्यादा गांव में ऑपरेशन भेड़िए के बीच एक और डराने वाली खबर सामने आई है, अब हरियाणा में रेवाड़ी के गांव झाबुआ में एक बार फिर से टाइगर के पैरों के निशान देखे गए हैं, जिस से ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि टाइगर ST 2303 वापस झाबुआ के जंगल में आ गया है।  

राजस्थान में अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकलकर टाइगर ST 2303 अब राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर के पास पहुंच चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक झाबुआ के जंगलों में इस टाइगर को देखा गया। पिछले 15 दिनों से यह टाइगर झाबुआ के घने जंगलों में घूम रहा है, जिससे आसपास के 6 से 7 गांवों में दहशत का माहौल है।

वन विभाग की टीम कर रही टाइगर को ट्रैक

राजस्थान और हरियाणा के वन विभाग की टीम लगातार इस टाइगर को ट्रैक कर रही है। टाइगर के बढ़ते खतरे को देखते हुए, वन विभाग ने जंगलों में कई स्थानों पर पिंजरे लगा दिए हैं, ताकि उसे सुरक्षित रूप से पकड़कर वापस सरिस्का टाइगर रिजर्व में भेजा जा सके।

PC : Shutterstock/ Representative 

टाइगर पर रखी जा रही नजर

अगस्त महीने में इसी टाइगर ने कई ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था, जिसके बाद से ग्रामीणों में भय बना हुआ है। वन कर्मियों की टीमें लगातार इस टाइगर की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और कोशिश कर रही है कि कि इसे जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

झाबुआ के घने जंगलों में ट्रैकिंग 

पिछले करीब 20 दिनों से लापता इस टाइगर को ट्रैक करने के लिए राजस्थान और हरियाणा वन विभाग की टीमें झाबुआ के घने जंगलों में जुटी हुई हैं। टाइगर के जंगल से बाहर निकलकर आबादी वाले इलाकों में पहुंचने के बाद उसने 4 से 5 लोगों को घायल कर दिया था। जिसके बाद टाइगर की इस आक्रामकता के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

PC : Shutterstock

पगमार्क खोजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल

वन विभाग की टीम बाघ के पगमार्क खोजने के लिए पूरे जंगल की सघन निगरानी कर रही है। ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है ताकि बाघ को जल्द से जल्द खोजा जा सके। बारिश के मौसम और जंगल में उगी घनी घास और झाड़ियों के कारण बाघ को ढूंढना चुनौतीपूर्ण हो रहा है, क्योंकि यह उसे छुपने में मदद कर रही हैं।

Pc : Shutterstock

टाइगर की तस्वीरें जंगल में लगे कैमरों में कैद

पिछले दो दिनों में बाघ की तस्वीरें जंगल में लगे कैमरों में कैद हुई हैं, जिससे उसके मूवमेंट का पता चला है। इसी आधार पर वन विभाग ने जंगल के विभिन्न हिस्सों में पिंजरे लगाए हैं, ताकि बाघ को सुरक्षित रूप से पकड़कर सरिस्का टाइगर रिजर्व में वापस लाया जा सके।

झाबुआ के जंगलों में वन विभाग की बड़ी टीम बाघ पर नजर बनाए हुए है। टीम के सदस्य लगातार बाघ की तलाश में जुटे हुए हैं और जंगल में उसकी हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। फॉरेस्ट विभाग की गाड़ियां भी इस काम में लगाई गई हैं, ताकि बाघ की खोज में कोई कसर न छोड़ी जाए।

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Updated 17:09 IST, September 4th 2024