Published 22:23 IST, April 1st 2024
बरेली दंगे का आरोपी तौकीर रजा भगोड़ा घोषित, 8 अप्रैल को पेश नहीं हुआ तो कुर्क होगी संपत्ति
Bareilly News: बरेली दंगे का आरोपी तौकीर रजा भगोड़ा घोषित कर दिया गया। आज उसे सेशन कोर्ट में पेश होना था।
Bareilly News: बरेली दंगे का आरोपी तौकीर रजा भगोड़ा घोषित कर दिया गया। आज उसे सेशन कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो पेश नहीं हुआ। अब अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।
गैर जमानती वारंट जारी
बरेली की जिला अदालत ने 2010 में हुए दंगे के आरोपी इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए आठ अप्रैल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सुनिति पाठक ने बताया कि जनपद न्यायाधीश विनोद कुमार दुबे की अदालत में मामले को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई। उन्होंने बताया कि इस दौरान तौकीर रजा के पेश नहीं होने पर अदालत ने नाखुशी जताई और गैर जमानती वारंट जारी किया है। पाठक ने बताया कि रजा के अदालत में पेश नहीं होने पर संपत्ति कुर्क के भी आदेश दिए गए।
उन्होंने बताया कि अदालत ने 2010 के बरेली दंगे में पिछले दिनों रजा को मुख्य साजिशकर्ता करार दिया था और उनके विरुद्ध समन जारी किया गया था। समन पर पेश नहीं होने पर दो बार तौकीर रजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया जा चुका है।
वहीं, गैर जमानती वारंट को मौलाना ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। मगर उच्च न्यायालय ने उन्हें इस मामले में कोई राहत न देकर 27 मार्च तक निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। मगर रजा ने आत्मसमर्पण नहीं किया।
सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी पर उठे सवाल
मौलाना तौकीर रजा को पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी। यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर पुलिस की सुरक्षा में रहने वाला मौलाना कैसे फरार हो गया? पुलिस मौलाना को समन मिलने के बाद भी क्यों कोर्ट में पेश नहीं कर पाई। मौलाना पिछले कुछ दिनों से लगातार देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और न्यायपालिका को लेकर लगातार जहर उगल रहा था। अब कोर्ट ने जब इन सभी मामलों को स्वतः संज्ञान में लेकर मौलाना को समन भेजा तो मौलाना घर छोड़कर फरार हो गया।
2010 बरेली दंगे का है मास्टरमाइंड
साल 2010 में बरेली में जुलूस-ए-मोहम्मदी का कार्यक्रम चल रहा था, इसी दौरान दो समुदायों को लेकर हिंसा भड़क गई थी। शहर के कुतुबखाना चौराहे के पास सब्जी मंडी की करीब 20 से ज्यादा दुकानों को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि जिले के स्कूलों को भी बंद करना पड़ा था और उपद्रवी इलाकों में हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही थी। कई दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा। पूरे इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द खतरे में पड़ गया था।
(इनपुटः PTI भाषा के साथ रिपब्लिक भारत)
Updated 22:29 IST, April 1st 2024