Published 22:50 IST, October 22nd 2024
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद तड़प रहे बेटे जीशान, भावुक पोस्ट- लोग तो जिंदा है, जमीरों का पता नहीं
Baba Siddique murder: जीशान सिद्दीकी रह रहकर अपने पिता को बाबा सिद्दीकी को याद कर रहे हैं। पिता के साथ अपनी एक फोटो शेयर कर जीशान ने X पर भावुक पोस्ट किया है।
Baba Siddique murder case: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। इस मामले में पुलिस अभी तक करीब 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पिता बाबा सिद्दीकी की मौत के बाद गम में डूबे जीशान सिद्दीकी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लगातार अपने पिता को याद कर पोस्ट कर हैं।
12 अक्टूबर को मुंबई में NCP नेता और बॉलीवुड पर अपनी पकड़ रखने वाले नेता बाबा सिद्दीकी की बांद्रा के निर्मल नगर इलाके में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। हत्यारों ने बाबा सिद्दीकी को एक के बाद एक 3 गोलियां मारी थी। कुछ समय बाद पास के लीलावती अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। जीशान सिद्दीकी रह रहकर अपने पिता को याद कर रहे हैं। पिता के साथ अपनी एक फोटो शेयर कर जीशान ने X पर लिखा-
पूछा हाल शहर का, तो सर झुका के बोले,
लोग तो जिंदा हैं, जमीरों का पता नहीं
25 अक्टूबर तक बढ़ाई पुलिस हिरासत
मुंबई की एक अदालत ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में चार आरोपियों की पुलिस हिरासत 25 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के आरोप में हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23), उत्तर प्रदेश के धर्मराज कश्यप (21), हरीश कुमार निषाद (26) और पुणे के प्रवीण लोनकर (30) को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड कोर्ट) वी.आर पाटिल के सामने पेश किया था। पुलिस ने यह कहते हुए आगे की रिमांड का अनुरोध किया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, गुरमेल बलजीत सिंह और कश्यप के साथ-साथ वांछित आरोपी शिवकुमार गौतम ने बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाई। प्रवीण लोनकर का भाई शुभम जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से कथित तौर पर जुड़ा है।
बाबा सिद्दीकी के बाद मुझ पर नजर -जीशान सिद्दिकी
बाबा सिद्दिकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने रविवार को कहा था कि उनके पिता के हत्यारों ने उन पर नजर गड़ा दी, लेकिन उन्हें डराया नहीं जा सकता। जीशान ने X पर पोस्ट में कहा था कि ‘उन्होंने हमेशा के लिए मेरे पिता का मुंह बंद कर दिया। लेकिन वे भूल गए - वह एक शेर थे और मैं उनकी दहाड़ को अपने भीतर रखता हूं, उनकी लड़ाई मेरी रगों में है। वह न्याय के लिए खड़े हुए, बदलाव के लिए लड़े और अडिग साहस के साथ तूफानों का सामना किया। जिन्होंने उन्हें मारा, वे अब यह मानकर मेरी ओर देख रहे हैं कि वे जीत गए हैं, मैं उनसे कहता हूं: मेरी रगों में शेर का खून दौड़ता है। मैं अब भी यहां निडर और अडिग हूं। उन्होंने एक को मार डाला, लेकिन मैं उनकी जगह पर खड़ा हूं। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आज, मैं वहीं खड़ा हूं जहां वह खड़े थे: जीवित, अथक और तैयार। पूर्वी बांद्रा के मेरे लोगों के लिए, मैं हमेशा आपके साथ हूं।’
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Updated 22:50 IST, October 22nd 2024