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Published 15:21 IST, November 28th 2024

अजमेर दरगाह में मंदिर वाली याचिका स्वीकार करने पर भड़के सपा नेता, कहा- कुछ लोग देश में आग...

अजमेर शरीफ मुद्दे पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं।

Reported by: Rupam Kumari
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Ram Gopal Yadav
रामगोपाल यादव | Image: @proframgopalya1

उत्तर प्रदेश के जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर हुए बवाल अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि राजस्थान के अजमेर शरीफ की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को लेकर नया बवाल शुरू हो गया है। दरअसल, दरगाह में शिव मंदिर का दावा करते हुए एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। स्थानीय अदालत द्वारा नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं,इसे लेकर बवाल शुरू हो गया है। अब सपा नेता रामगोपाल यादव ने एक बार फिर कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए भड़काऊ बयान दिया है।

राजस्थान के अजमेर शरीफ की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर के दावे को लेकर कोर्ट में दाखिल की गई याचिका स्वीकार कर ली गई।  इसके साथ ही सभी पक्षकारों को हाजिर होने की नोटिस भी दी है। कोर्ट के फैसले पर सपा नेता राम गोपाल यादव ने  एक बार फिर वैसा ही बयान दिया है जैसा संभल जामा मस्जिद सर्वे को लेकर दिया था। उन्होंने जज पर सवाल उठाया है।

छोटे-छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं- रामगोपाल यादव

अजमेर शरीफ मुद्दे पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं। कोई मतलब नहीं है इसका। अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं। देश दुनिया से लोग वहां आते हैं। उसको विवादों में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है। सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाए इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है।"

संभल हिंसा पर रामगोपाल यादव का विवादित बयान

बता दें कि रामगोपाल यादव ने संभल में हुई हिंसा के लिए भी कोर्ट और प्रशासन को जिम्मेदार बताया था। उन्होंने कहा था- जज इस तरह से फैसला देने लगे तो लोग देश में आग लगेगा। संभल में कई लोग मारे गए हैं, इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। पुलिस अगर ऐसे कार्रवाई करेगी, तो पत्थरबाजी तो होगी। 

अजमेर दरगाह विवाद पर 5 दिसंबर को सुनवाई 

बता दें कि अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को अजमेर सिविल न्यायालय पश्चिम ने सुनने योग्य माना है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस देकर पक्ष रखने को भी कहा है। कोर्ट ने मामले में 5 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है।
 

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Updated 15:21 IST, November 28th 2024