पब्लिश्ड 18:08 IST, April 2nd 2024
पश्चिमी UP की 14 सीटों पर BJP की नजर, पहले जयंत के जरिए साधा; अब PM मोदी के बाद शाह भरेंगे हुंकार
मेरठ से PM Narendra Modi बीजेपी का चुनावी शंखनाद करा चुके हैं। अब पीएम मोदी के बाद बीजेपी के चाणक्य अमित शाह पश्चिमी यूपी के दौरे पर जाने वाले हैं।
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर पूरा फोकस कर लिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धुरी कहे जाने वाले मेरठ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी का चुनावी शंखनाद करा चुके हैं। अब पीएम मोदी की रैली के ठीक तीसरे दिन बीजेपी के चाणक्य और गृह मंत्री अमित शाह पश्चिमी यूपी के दौरे पर जाने वाले हैं।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बुधवार यानी तीन अप्रैल को मुजफ्फरनगर जिले के शाहपुर कस्बे में एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। उनके साथ रालोद प्रमुख जयंत चौधरी भी मंच साझा करेंगे। मुजफ्फरनगर निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को मतदान होगा।
बीजेपी के जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी ने बताया कि अमित शाह तीन अप्रैल को दोपहर एक बजे पहुंचेंगे और बीजेपी उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के समर्थन में शाहपुर कस्बे में एक चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि अमित शाह के साथ बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी सभा को संबोधित करेंगे।
पश्चिमी यूपी पर बीजेपी का फोकस क्यों?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी पिछली बार कुछ सीटों पर पिछड़ गई थी। बीजेपी ने 2014 में पश्चिमी यूपी की सभी 4 सीटों पर परचम लहराया था, लेकिन 2019 के चुनाव में 7 सीटें ऐसी रहीं, जहां बीजेपी को हार मिली। इस बार बीजेपी को उम्मीद है कि वो अपने 370 सीटों के टारगेट को पूरा करने के लिए पश्चिमी यूपी की सभी 14 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है।
जयंत कैसे BJP को जिताएंगे?
राष्ट्रीय लोकदल ने पिछले माह विपक्षी गठबंधन INDI को छोड़कर NDA से साझेदारी कर ली। NDA ने उत्तर प्रदेश में आरएलडी को लोकसभा की दो सीट दी हैं। राष्ट्रीय लोकदल की पकड़ पश्चिमी यूपी में हैं। लोकदल को जाटों और किसानों की पार्टी भी कहा जाता है, क्योंकि चौधरी चरण सिंह ने दोनों ही वर्गों का नेतृ्त्व किया था।
अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करीब 18 फीसदी जाट आबादी है, जिससे यहां चुनावों में उनका सीधा असर होता है। मतलब साफ है कि पश्चिमी यूपी में जाटों का वोट किसी भी दल की हार-जीत तय करता है। अहम ये है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को इसी जाटलैंड में 7 सीटों पर हार मिली थी। अभी बीजेपी के साथ आरएलडी आई है तो NDA को पश्चिमी यूपी में बड़ी जीत मिल सकती है।
अपडेटेड 18:08 IST, April 2nd 2024