Published 22:16 IST, April 1st 2024
AAP के कोषाध्यक्ष ने ED को बताई ये बात तो भड़के दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल, कहा- वो भ्रमित हैं
Delhi Liquor Scam: अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) के मामलों से संबंधित मुद्दों पर एक बयान को लेकर अपनी पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष को भ्रमित बताया।
Delhi Liquor Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) के मामलों से संबंधित मुद्दों पर एक बयान को लेकर अपनी पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष को ‘‘भ्रमित’’ बताया।
न्यायाधीश कावेरी बावेजा की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में 55 वर्षीय केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। संबंधित आबकारी नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था।
आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे नायर
ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान केजरीवाल ने कहा कि आप के संचार प्रभारी विजय नायर ‘‘उन्हें नहीं, बल्कि उनके कैबिनेट सहयोगियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे’’ तथा नायर के साथ उनकी बातचीत ‘‘सीमित’’ थी। इस मामले में नायर को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने न्यायिक हिरासत के अनुरोध वाली अपनी याचिका में कहा कि 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद हिरासत में पूछताछ के दौरान केजरीवाल सवालों के गोलमोल जवाब देते नजर आए और जानकारी छिपाई। इसने पूर्व में केजरीवाल को कथित घोटाले का ‘‘सरगना और मुख्य साजिशकर्ता’’ कहा था।
आप और इसके नेताओं ने बार-बार आरोपों से इनकार किया है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह मामला भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने यह दिखाने के लिए गढ़ा है कि आप एक ‘‘भ्रष्ट’’ पार्टी है। ईडी ने अदालत से कहा, ‘‘गिरफ्तार व्यक्ति (केजरीवाल) ने आप के अन्य सदस्यों के बारे में झूठे और विपरीत सबूत भी दिए हैं। जब उनसे (केजरीवाल) उनकी ही पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उन्हें भ्रमित बताया।’’
ये है मामला
इसने कहा, ‘‘आप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एन.डी. गुप्ता (सीए और इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष) ने अपने बयान में खुलासा किया है कि राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ही राज्य चुनाव प्रभारी की नियुक्ति करते हैं।’’
ईडी ने कहा, ‘‘राज्य प्रभारी को चुनाव अभियान संबंधी सभी मामलों का प्रबंधन करना होता है। गोवा चुनाव के मामले में दुर्गेश पाठक (आप विधायक) को चुना गया था। हालांकि, अरविंद केजरीवाल का कहना है कि यह पीएसी (राजनीतिक मामलों की समिति) है जो राज्य चुनाव प्रभारी का फैसला करती है।’’
ईडी ने दावा किया कि केजरीवाल ने पहले उसे बताया कि आप के राज्यसभा सदस्य गुप्ता ‘‘पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं और पीएसी के सदस्य हैं तथा उन्हें पार्टी के कामकाज की जानकारी है, लेकिन जब एनडी गुप्ता के उस बयान के बारे में उनसे पूछा गया जिसमें उन्होंने (गुप्ता) खुलासा किया कि इस तरह के निर्णय राष्ट्रीय संयोजक द्वारा लिए जाते हैं, तो अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष को भ्रमित कहा।’’ केजरीवाल आप के राष्ट्रीय संयोजक हैं।
एजेंसी ने लगाया था ये आरोप
एजेंसी ने पूर्व में आरोप लगाया था कि आप नेताओं की ओर से नायर को 'साउथ ग्रुप' शराब लॉबी से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली, जिसमें कथित तौर पर बीआरएस नेता के. कविता और अन्य शामिल हैं।
इसने यह भी दावा किया था कि नायर ने अपने फोन पर फेसटाइम (आईफोन पर एक वीडियो कॉलिंग सुविधा) के माध्यम से समीर (महेंद्रू) और अरविंद केजरीवाल के लिए एक वीडियो कॉल की व्यवस्था की, जिसमें अरविंद ने समीर से कहा कि विजय उनका भरोसेमंद है और समीर को उस पर भरोसा करना चाहिए तथा उसके साथ आगे बढ़ना चाहिए। इस मामले में शराब कारोबारी समीर महंद्रू को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने कहा कि उसने केजरीवाल से पूछा कि विजय नायर एक कैबिनेट मंत्री (कैलाश गहलोत) के बंगले में क्यों रह रहा था और मुख्यमंत्री के शिविर कार्यालय में काम क्यों करता था, तो उन्होंने अपने शिविर कार्यालय में काम करने वाले व्यक्तियों के बारे में "अनभिज्ञता" का दावा किया।
याचिका में कहा गया कि केजरीवाल को शराब कारोबारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और यहां तक कि दिनेश अरोड़ा और अभिषेक बोइनपल्ली जैसे बिचौलियों सहित शराब व्यवसाय में शामिल अन्य सह-आरोपियों के साथ नायर की 10 से अधिक बैठकों के सबूत दिखाए गए।
इसमें कहा गया, ‘‘गिरफ्तार व्यक्ति को यह समझाने के लिए कहा गया कि नायर किस अधिकार के साथ इन बैठकों में शामिल हुआ था, गिरफ्तार व्यक्ति ने इन व्यक्तियों के बारे में अनभिज्ञता का दावा करके सवाल टाल दिया।’’ ईडी ने कहा कि केजरीवाल को गोवा के लिए लगभग 45 करोड़ रुपये के हवाला हस्तांतरण के सबूत भी दिखाए गए।
एजेंसी का आरोप है कि यह राशि गोवा में आप के प्रचार अभियान के लिए थी। इसने अदालत से कहा कि केजरीवाल को रिहा न किया जाए क्योंकि वह "अत्यधिक प्रभावशाली हैं और इस बात की पूरी संभावना है कि वह ‘‘गवाहों को प्रभावित करेंगे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे।’’ अदालत ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 22:16 IST, April 1st 2024