Published 13:04 IST, January 26th 2024
हाथ उठाकर घूमर करती महिलाएं, लोकरंग... राजस्थानी झांकी में दिखी प्रदेश की संस्कृति
गणतंत्र दिवस पर पूरे भारत की समृद्ध संस्कृति, परम्परा और विकास यात्रा की झलक दिखी। राजस्थान की झांकी में प्रदेश का हस्तशिल्प, स्थाप्त्य कला और लोकरंग दिखा।
Republic day celebration: राजस्थान का लोकनृत्य घूमर, प्धारो मारे देश की संस्कृति और हस्तशिल्प का सुंदर मेल कर्तव्य पर आकार लेता दिखा। नारी शक्ति को समर्पित थीम में हस्तशिल्प उद्योगों की विकास यात्रा प्रदर्शित की गई।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान झांकी के दोनों तरफ राजस्थान की दस महिलाएं पारंपरिक घूमर नृत्य करती दिखीं। तो पारंपरिक परिधान में बिठाई गई महिला की मूर्ति ने सबका मन मोह लिया।
10 फीट की मूरत
राजस्थान की झांकी में आगे की तरफ राजस्थान का फेमस घूमर डांस का दृश्य दिखा। इसमें घूमर करती 10 फीट की महिला की मूरत बनाई गई थी। महिला मूर्ति को राजस्थानी कपड़े पहनाए गए। जो अपने विशेष अंदाज में देशवासियों को 'पधारों म्हारे देश' का संदेश देती दिखी।
घूमर राजस्थान का पारंपरिक और सबसे फेमस डांस है। घूमर करती महिला के ठीक पीछे मीरा बाई की प्रतिमा बनाई गई थी। जो भगवान श्री कृष्ण की भक्त थीं। इसके साथ झांकी की चारों ओर राजस्थान के लोक कलाकार प्रस्तुति भी देती नजर आईं।
पहली बार महिला त्रि सेवा टुकड़ी
आजाद भारत में पहली बार हुआ कि आगाज से लेकर परेड को अंजाम पहुंचाने तक महिला शक्ति का बोलबाला रहा। सशस्त्र बलों की परेड में मिसाइल, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-2 पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे घरेलू हथियारों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान आत्मनिर्भर भारत की झलक देखने को मिली। पहली बार, तीनों सेवाओं का महिला दस्ता देश के इस सबसे बड़े समारोह में शामिल हुआ।
पहली बार महिलाओं की त्रि सेवा टुकड़ी ने कदमताल किया। इसमें 148 सैनिक शामिल थीं। दस्ते की कमान कैप्टन संध्या ने संभाली। इस दस्ते में जल, थल और वायुसेना की महिला सैनिक शामिल हुईं।
दिल्ली पुलिस की परेड में सिर्फ महिलाएं
पहली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस की ओर से परेड में सिर्फ महिला पुलिसकर्मी शामिल हुईं। मार्चिंग दस्ते में कुल 194 महिला हेड कॉन्स्टेबल और महिला कॉन्स्टेबल ने हिस्सा लिया। इनका नेतृत्व IPS ऑफिसर श्वेता के सुगथन कर रही थीं।
आवाहन समूह से आगाज
समारोह का मान आवाहन समूह ने बढ़ाया। परम्परा से अलग मिलिट्री बैंड नहीं बल्कि शंखनाद, नगाड़े बजाकर भव्य आयोजन की शुरुआत हुई। इसमें 100 से अधिक महिला कलाकार विभिन्न प्रकार के ताल वाद्ययंत्र बजाते हुए शामिल हुईं। पहली बार परेड में शामिल इस संगीत यात्रा में देश के विभिन्न हिस्सों के भारतीय वाद्ययंत्रों की ध्वनियां गुंजायमान हो रही थीं।
बैंड में 112 महिलाएं शामिल रहीं जिन्होंने लोक और आदिवासी वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति दी। इनमें 20 कलाकारों ने महाराष्ट्र के ढोल ताशों की थाप प्रस्तुत की तो 16 कलाकारों ने तेलंगाना के परंपरागत दप्पू वाद्य यंत्र से स्वर लहरियां बिखेरीं। इनमें पश्चिम बंगाल के ढाक-ढोल की ध्वनियां, शंखनाद, केरल के परंपरागत ढोल की थाप भी सुनाई दी।
आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों ने भरी सलामी उड़ान
सेना की उड्डयन कोर के आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों (एएलएच) ने देश के 75वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड में सलामी उड़ान भरी। इसके बाद मार्चिंग दल निकले। इनमें मद्रास रेजीमेंट, द ग्रेनेडियर्स और राजपूताना राइफल्स के दल शामिल थे। सेना में हाल में शामिल किए गए प्रचंड हेलीकॉप्टर ने फ्लाईपास्ट में ‘रुद्र’ आकृति उकेरी।
मैक्रों ने देखी भारत की समृद्ध संस्कृति
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कर्तव्य पथ पर इस भव्य कार्यक्रम का गवाह बने। इसके साथ ही वह विश्व के उन चुनिंदा नेताओं की सूची में शुमार हो गए जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े समारोह की शोभा बढ़ाई है। यह छठा मौका था जब कोई फ्रांसीसी नेता गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बना है।
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Updated 14:14 IST, January 26th 2024