Published 16:27 IST, December 22nd 2024
शाश्वत रहेगा प्रेम: जाकिर हुसैन के निधन के बाद उनके परिवार ने पहली इंस्टाग्राम ‘पोस्ट’ में कहा
जाने माने तबला वादक जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के कुछ दिनों बाद उनके परिवार ने रविवार को उनके आधिकारिक ‘इंस्टाग्राम अकाउंट’ पर एक मार्मिक ‘पोस्ट’ साझा की।
जाने माने तबला वादक जाकिर हुसैन को सैन फ्रांसिस्को में सुपुर्द-ए-खाक किए जाने के कुछ दिनों बाद उनके परिवार ने रविवार को उनके आधिकारिक ‘इंस्टाग्राम अकाउंट’ पर एक मार्मिक ‘पोस्ट’ साझा की।
प्रसिद्ध तबला वादक हुसैन का फेफड़ों से संबंधित रोग ‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ से उत्पन्न जटिलताओं के कारण 15 दिसंबर को अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया था। वह 73 वर्ष के थे।
तबला वादक के परिवार ने उनके ‘इंस्टाग्राम अकाउंट’ से एक श्वेत-श्याम चित्र साझा किया। यह हुसैन, उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और बेटियों अनीसा एवं इसाबेला के हाथों का चित्र है। तस्वीर में चारों ने एक-दूसरे के हाथों को थाम रखा है। इंस्टाग्राम पर साझा किए गए ‘पोस्ट’ में ‘कैप्शन’ लिखा है, ‘‘शाश्वत रहेगा प्रेम।’’
इस पोस्ट को अब तक इंस्टाग्राम पर करीब 25,000 ‘लाइक’ एवं लगभग 1,100 ‘कमेंट’ मिल चुके हैं और इसे 300 से अधिक बार साझा किया गया है। हुसैन के ‘शक्ति’ बैंड में उनके साथी शंकर महादेवन, संगीतकार कर्ष काले, अंकुर तिवारी, हरिहरन और पाकिस्तानी कलाकार अली सेठी समेत तबला वादक के कई ‘फॉलोवर’ से इस ‘पोस्ट’ को साझा किया है।
विश्व के सबसे महान तबला वादकों में से एक हुसैन को बृहस्पतिवार को सैन फ्रांसिस्को के फर्नवुड कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन का जन्म नौ मार्च 1951 को हुआ था। उन्हें उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में से एक माना जाता है।
हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार जीते, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक हुसैन को 1988 में ‘पद्म श्री’, 2002 में ‘पद्म भूषण’ और 2023 में ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया।
Updated 16:27 IST, December 22nd 2024