अपडेटेड 16 August 2021 at 18:56 IST
Afghan War-based Movies: बहुत कुछ कहती हैं अफगानिस्तान-तालिबान युद्ध पर बनी ये फिल्में, जरूर देखें
अफगान युद्ध को बेहतर ढंग से समझने के लिए तालिबान पर आधारित इन फिल्मों पर एक नजर जरूर डालें।
- मनोरंजन समाचार
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अफगानिस्तान में संघर्ष इस हद तक बढ़ गया है कि दुनिया इस युद्धग्रस्त राष्ट्र के भविष्य को लेकर चिंतित है। अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाकों ने महज 10 दिनों में ही लगभग पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। कट्टरपंथी इस्लामी समूह ने किस तरह से अफगानिस्तान पर कब्जा किया, साथ ही अफगान युद्ध को बेहतर ढंग से समझने के लिए तालिबान पर आधारित इन फिल्मों पर एक नजर जरूर डालें।
एस्केप फ्रॉम तालीबान
साल 2003 में रिलीज फिल्म 'एस्केप फ्रॉम तालिबान' के डायरेक्टर उज्जल चट्टोपाध्याय हैं। ये फिल्म सुष्मिता बनर्जी की लिखी आत्मकथा ‘अ काबुलवालाज बंगाली वाइफ’ पर आधारित है। सुष्मिता भारत में बिजनेस करने आए अफगानी जांबाज खान से एक थिएटर रिहर्सल के दौरान मिलती हैं, उनकी ये मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल जाती है और प्यार शादी में। जिसका सुष्मिता के घर वाले विरोध करते हैं।
तालिबानियों के कानूनों को न मानने पर मौत की सजा
सुष्मिता को धीरे-धीरे पति के साथ रहते हुए छह साल का समय बीत जाता है, लेकिन घर वालों के दबाव से परेशान होकर सुष्मिता 1995 में युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान चली जाती है। यानी की अपने पति के देश चली जाती है। यहां उसे पता चलता है कि उसका पति पहले से ही शादीशुदा है। ये देखकर वह बुरी तरह से टूट जाती है। जब सुष्मिता इस्लाम कबूल करने के बाद तालिबानियों के कानूनों का पालन करने से इनकार कर देती है, तब उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है।
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दी आउटपोस्ट
फिल्म द आउटपोस्ट के डायरेक्टर रॉड लुरी हैं। ये फिल्म जेक टॉपर की 2012 की नॉन-फिक्शन किताब पर आधारित है। फिल्म अफगानिस्तान के कामदेश के युद्ध पर आधारित है। इस फिल्म को आप अफगान के आज के संघर्ष के साथ जोड़कर देख सकते हो।
12 स्ट्रांग
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अफगानिस्तान में आज की स्थिति को 12 स्ट्रांग फिल्म बखूबी याद दिलाती है। फिल्म में दिखाया गया है कि 9/11 हमले के बाद अमेरिका किस तरह अफगानिस्तान में अपनी सेना को उतारकर तालिबान के प्रमुख अड्डों पर हमला करता है।
रेस्ट्रेपो (Restrepo)
रेस्ट्रेपो 2010 की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म है जो अफगानिस्तान युद्ध के बारे में बताती है। इस फिल्म के डायरेक्टर अमेरिकी पत्रकार सेबेस्टियन जुंगर और ब्रिटिश फोटो जर्नलिस्ट टिम हेथरिंगटन हैं। यह फिल्स उस समय के बारे में दर्शाती है, जब जुंगेर और हेथरिंगटन ने अफगानिस्तान वैनिटी फेयर के लिए असाइनमेंट पर खर्च किया, जिसे दूसरी प्लाटून, बी के साथ जोड़ा गया। फिल्म सैनिकों की वास्तविकता को पकड़ती है।
लोन सर्वाइवर (Lone Survivor)
असली युद्ध पर आधारित और मार्कस लुट्रेल की फिल्म 'लोन सर्वाइवर' गैर-फिक्शन किताब पर आधारित है। यह युद्ध में जीवित बचे एक व्यक्ति की कहानी है, जो बहुत हिम्मतवाला है। मुस्लिम देश में युद्ध के दौरान सेट, फिल्म में असफल संयुक्त राज्य नौसेना के सील काउंटर-विद्रोही मिशन ऑपरेशन रेड विंग्स को दर्शाया गया है। फिल्म के डायरेक्टर पीटर बर्गो हैं।
Published By : Priya Gandhi
पब्लिश्ड 16 August 2021 at 18:49 IST