अपडेटेड 9 July 2023 at 15:52 IST
सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश को लेकरDelhi Government की याचिका,सुप्रमी कोर्ट सोमवार को करेगा सुनवाई
Supreme Court राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
- मनोरंजन समाचार
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Services Control Ordinance : उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
स्टोरी में आगे पढ़ें...
- क्या है सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश ?
- दिल्ली सरकार ने याचिका में कहा-यह कार्यकारी आदेश का असंवैधानिक इस्तेमाल
- 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अध्यादेश 2023 जारी किया गया था
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर सकती है। वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने इस मामले का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया था।
दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अध्यादेश ‘कार्यकारी आदेश का असंवैधानिक इस्तेमाल’ है, जो शीर्ष अदालत और संविधान की मूल संरचना का ‘उल्लंघन’ करने का प्रयास करता है।
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दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को रद्द करने के अलावा इस पर अंतरिम रोक लगाने का भी अनुरोध किया है। केंद्र सरकार ने दिल्ली में ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनकी पदस्थापना के लिए एक प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से 19 मई को ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023’ जारी किया था।
अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।
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यह अध्यादेश दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव तथा दादरा और नगर हवेली सिविल सेवा (दानिक्स) काडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने की बात करता है।
शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों का स्थानांतरण और पदस्थापन उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में था।
दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अध्यादेश ‘कार्यकारी आदेश का असंवैधानिक इस्तेमाल’ है, जो शीर्ष अदालत और संविधान की मूल संरचना के ‘उल्लंघन’ का प्रयास करता है।
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अध्यादेश को रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह ‘कार्यकारी आदेश का असंवैधानिक इस्तेमाल है’, जो अनुच्छेद 239 एए में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीटीडी) के लिए निहित संघीय, लोकतांत्रिक शासन की संरचना का उल्लंघन करता है।
Published By : Press Trust of India (भाषा)
पब्लिश्ड 9 July 2023 at 15:50 IST