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पब्लिश्ड 22:45 IST, December 24th 2022

यूपी में CAA-NRC दंगों पर कोर्ट का बड़ा फैसला, अमरोहा में तोड़फोड़ आगजनी करने वालों से सरकार वसूलेगी जुर्माना

UP की एक अदालत ने 2019 में CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़े 86 आरोपियों में प्रत्येक पर 4,971 रुपये का जुर्माना लगाया है।

Reported by: Nripendra Singh
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PC: PTI
PC: PTI | Image: self

उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से जुड़े 86 आरोपियों में प्रत्येक पर 4,971 रुपये का जुर्माना लगाया है। पुलिस विभाग की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के एवज में आरोपी पर कुल 4,27,439 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

अमरोहा के जिलाधिकारी बीके त्रिपाठी ने कहा, "उत्तर प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली, क्लेम ट्रिब्यूनल मेरठ ने सभी आरोपियों को अदालती नोटिस भेजने और वसूली करने का आदेश दिया है।" यूपी सरकार की ओर से 2020 में इस संबंध में कानून लाए जाने के बाद पहली बार क्लेम ट्रिब्यूनल ने इस तरह का फैसला किया है।

यह मामला 20 दिसंबर, 2019 को हुई उस घटना से जुड़ा है, जब CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक ग्रुप ने पथराव किया और यूपी पुलिस के इस्तेमाल किए गए दंगा नियंत्रण इक्विपमेंट में तोड़फोड़ और आगजनी की। उसी साल 12 दिसंबर को संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के तुरंत बाद, विरोध पूरे देश में फैल गया। अमरोहा में विरोध प्रदर्शन भड़कने पर पुलिस के कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। एक रिपोर्ट में अमरोहा थाने के प्रभारी निरीक्षक ने सरकार को 4,42,439 रुपये की सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की जानकारी दी। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, इस रिपोर्ट को राजपत्रित अधिकारी के माध्यम से क्लेम ट्रिब्यूनल को कार्रवाई की मांग करते हुए भेजा गया था।

'कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की': डीएम

यूपी कोर्ट के डीएम ने कहा, 'कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है और जल्द ही जुर्माना भी वसूल लिया जाएगा। सभी पक्षों को सुना गया है और कानून के अनुसार फैसला दिया गया है।' अमरोहा में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने 55 नामजद और 1500 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यूपी सरकार ने उनकी तस्वीरों और अन्य डीटेल्स के साथ होर्डिंग लगाए जाने के बाद मामले में नामजद लोगों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान कई मुस्लिम नेताओं को राज्य सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान और नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस जारी किया था।

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अपडेटेड 22:52 IST, December 24th 2022