पब्लिश्ड 22:07 IST, January 23rd 2025
'मैं लता-सुनिधि की तरह नहीं गा सकती, जो मैं कर सकती हूं वो...', रिपब्लिक समिट में मजेदार बातों से उषा उत्थुप ने लूट ली महफिल
उषा उत्थुप ने कहा कि मैं लता मंगेशकर, सुनिधि चौहान या फिर श्रेया घोषाल की तरह नहीं गा सकती, लेकिन जो मैं कर सकती हूं वो वह नहीं कर सकती।
Usha Uthup: रिपब्लिक की इंडिया वुमन समिट में दिग्गज गायिका उषा उत्थुप ने शिरकत कर चार चांद लगा दिए। उन्होंने अपनी सुरों से तो समा बांधा ही, साथ ही साथ अपनी मजेदार बातों से महफिल लूटती नजर आईं। उषा ने अपनी जिंदादिली, अपने अंदाज से हर किसी का दिल जीत लिया। उनकी हर एक बात पर पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।
उषा उत्थुप ने कहा कि मैं लता मंगेशकर, सुनिधि चौहान या फिर श्रेया घोषाल की तरह नहीं गा सकती, लेकिन जो मैं कर सकती हूं वो वह नहीं कर सकती।
इंडिया वुमन समिट में उषा उत्थुप ने की शिरकत
उन्होंने कहा कि मुझे एहसास हुआ कि सचमुच संगीत हर किसी का है। यहां जाति, रंग, भाषा, उम्र का कोई बंधन नहीं है... यही वजह है कि पुराने गाने अभी भी क्लासिक के रूप में वापस आते हैं और नए गाने अपनी जगह बना लेते हैं।
उषा उत्थुष ने कहा कि मैं यह कहना चाहती हूं कि एक गीत एक गीत है.. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपसे पहले इसे किसने गाया।
'मैं सबसे ज्यादा रेडियो सुनती थीं...'
उन्होंने कहा कि मेरा जन्म एक बहुत ही मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। एकमात्र चीज जिसे मैं सबसे ज्यादा सुनता थीं, वह था रेडियो... वॉयस ऑफ अमेरिका और विविध भारती। रेडियो सीलोन और विविध भारती मेरी प्रेरणा थे। जब मुझसे पूछा जाता है कि आपको किससे प्रेरणा मिलती है, तो मैं कहती हूं रेडियो। इसने हममें से अधिकांश लोगों को प्रेरित किया। इसी तरह आप गानों को याद रखते हैं, क्योंकि आप इसे अपने दिल से सुनते हैं और हर गाना आपके सामने कल्पना से परे होता है।
'मैं 10 जन्म में भी लता मंगेशकर-सुनिधि चौहान जैसे नहीं गा सकती'
उषा उत्थुप ने आगे कहा कि जब मैं गाती हूं तो मैं इसे पूरी तरह से अपने तरीके से गाती हूं। मैं कभी भी लता मंगेशकर जी या मोहम्मद रफी या दूसरे किसी गायक की तरह अगले 10 जन्म में भी नहीं गा सकती हैं। मैं शंकर महादेवन, श्रेया घोषाल, सुनिधि की तरह गा सकती हूं, लेकिन वो भी वह नहीं कर सकते जो मैं कर रहा हूं।
अपडेटेड 22:07 IST, January 23rd 2025