sb.scorecardresearch

Published 14:42 IST, June 6th 2024

BJP को UP में क्यों हुआ भारी नुकसान? योगी के मंत्री संजय निषाद बोले- आरक्षण पर दिए गए बयान...

BJP यूपी में वो कमाल क्यों नहीं दिखा पाई जिसकी उम्मीद पूरे भारत को थी? समीक्षा-आकलन किया जा रहा है। इस बीच योगी के मंत्री संजय कुमार निषाद ने अपनी राय जाहिर की।

Reported by: Kiran Rai
Follow: Google News Icon
  • share
dr sanjay nishad
डॉ संजय निषाद | Image: x/@sanjaynishad

राघवेन्द्र पाण्डेय

यूपी में 43 सीटें इंडी अलायंस के खाते में गईं तो एनडीए 36 पर सिमट गई। बीजेपी 2019 में 66 सीटें जीत पाई थी तो इस बार इसमें 50 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। इस बार कुल 33 सीट ही। इसके बावजूद बीजेपी का कुल वोट पर्सेंटेज नहीं गिरा। जब मतों का प्रतिशत बढ़िया रहा तो आखिर गिरावट की वजह क्या रही? इसे लेकर चर्चा खूब हो रही है।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी कबीना के मंत्री डॉ संजय निषाद ने रिपब्लिक मीडिया से बातचीत में एनडीए की सरकार बनने का पूरा भरोसा जताया। साथ ही नरेंद्र मोदी के तीसरी बार पीएम बनने को लेकर आश्वस्त भी दिखे। फिर उन्होंने यूपी में बीजेपी की घटी सीटों पर खुलकर बात की। बताया सबसे ज्यादा नुकसान संविधान बदल कर आरक्षण खत्म करने वाले नैरेटिव ने किया। वो जिसे विपक्ष ने गढ़ने की कोशिश की।

‘आरक्षण को मुद्दा बना विपक्ष ने भुनाया’

निषाद ने सबसे बड़ी वजह आरक्षण के मुद्दे को भुनाना बताया। उन्होंने कहा-आरक्षण पर दिए गए बयान का नुकसान हुआ... विपक्ष ने इसको मुद्दा बनाया। अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह पर निशाना साधते हुए निषाद ने कहा- वहीं से संविधान बदलने की बात उठी थी जिसका खामियाजा पूरे प्रदेश को उठाना पड़ा।

क्या कहा था बीजेपी के नेताओं और लल्लू सिंह ने?

लल्लू सिंह ने अपने चुनावी भाषण में कहा था ‘कि सरकार तो 272 सीटों पर ही बन जाती हैं, लेकिन संविधान बदलने या संशोधन करने के लिए दो-तिहाई सीटों की ज़रूरत होती है।’ उनके इस बयान को विपक्ष ने बखूबी भुनाया। अखिलेश की तैयारी पूरी थी। पीडीए को लेकर नारा लगातार बुलंद करते रहे और उसे ही मूर्त रूप दिया भी। एंटी इनकंबेंसी ने भी रोल निभाया और उनके बेबाक अंदाज ने भी। नतीजा 1957 के बाद पहली बार अयोध्या सीट से एक दलित विजयी रहा।

अवधेश प्रसाद को 5,54,289 तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह को 4,99,722 वोट मिले और सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने 54,567 वोटों से जीत दर्ज की।

लल्लू सिंह, ज्योति मिर्धा और अनंत कुमार हेगड़े

लल्लू के अलावा बीजेपी में और कौन?

कर्नाटक बीजेपी के छह बार के सांसद रहे अनंत कुमार हेगड़े ने एक बयान में कहा था, "संविधान को 'फिर से लिखने' की  आवश्यकता है। कांग्रेस ने इसमें अनावश्यक चीज़ों को अनावश्यक तौर पर भरकर संविधान को मूल रूप से विकृत कर दिया। खासकर ऐसे क़ानून लाकर जिनका उद्देश्य हिंदू समाज को दबाना था, अगर ये सब बदलना है, तो ये मौजूदा बहुमत के साथ संभव नहीं है।" हालांकि पार्टी ने कन्नी काट ली लेकिन विपक्ष ने इसे भी दक्षिण भारत में खूब भुनाया।

कांग्रेस से बीजेपी में आईं ज्योति मिर्धा ने राजस्थान में भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था। चुनाव प्रचार के दौरान संविधान बदलने के लिए जरूरी गणित की बात की थी। बयान भी वायरल भी खूब किया गया। एक वीडियो में मिर्धा कहती नज़र आ रही थीं, "देश के हित में कई कठोर निर्णय लेने होते हैं...उनके लिए हमें कई संवैधानिक बदलाव करने पड़ते हैं।”

बयानों पर खेल गया विपक्ष

विपक्ष और ख़ासकर उसके सबसे बड़े घटक दल कांग्रेस ने खूब भुनाया।  कहना शुरू कर दिया कि बीजेपी इसलिए 400 सीटें चाहती है ताकि संविधान को बदल सके। वो संविधान जो दलित बाबा साहब अंबेडकर ने गढ़ा है इसे बदलकर दलितों-पिछड़ों के मिलने वाले आरक्षण को खत्म कर सके।

ये भी पढ़ें-तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे नरेंद्र मोदी, 8 जून को हो सकता शपथ ग्रहण समारोह
 

Updated 15:07 IST, June 6th 2024