Published 07:49 IST, May 17th 2024
रोहिणी आचार्य की उम्मीदवारी पर 'इनकम' वाला संकट! रद्द हो सकता है नामांकन, HC ने स्वीकार की याचिका
रोहिणी आचार्य की उम्मीदवारी की उम्मीदवारी खटाई में पड़ सकती है। आरजेडी चीफ लालू की लाडली का नामांकन रद्द हो सकता है, आखिर इनकम वाले संकट की वजह क्या है?
Rohini Acharya Nomination: सारण लोकसभा क्षेत्र से आरजेडी उम्मीदवार डॉ. रोहिणी आचार्य का नामांकन रद्द हो सकता है। हलफनामे में इनकम को लेकर गलत जानकारी मुहैया कराना बड़ी वजह मानी जा रही है। इसे लेकर पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई।
याचिकाकर्ता नृपेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने आरओ यानि रिटर्निंग ऑफिसर पर रोहिणी के खिलाफ शिकायत को नजरअंदाज करने का आरोप लगा याचिका दायर की। इसके बारे में बीजेपी प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी ने गुरुवार को मीडिया से बताया। कहा- हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है।
हलफनामे में जानकारी का अभाव
बीजेपी ने रोहिणी आचार्य के नामांकन पत्र और हलफनामे के खिलाफ शिकायत राज्य के मुख्य निर्वाचन आयोग और सारण के रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष की थी। शिकायत में कहा गया कि आचार्य ने अपनी आय और चल संपत्ति को लेकर इनकम टैक्स रिटर्न के संबंध में हलफनामे पर गलत जानकारी उपलब्ध कराई। हलफनामा में रोहिणी ने अपनी इनकम को लेकर वर्ष 2022-23 के रिटर्न में 3,16, 360/- रुपये, 2021-22 में 1,67,840/-, 2020-21 में 4,030/-, वर्ष 2019-20 में 3, 88,090 और वर्ष 2018-19 में 3, 89, 033/- रुपये दिखाया है।
क्या छुपाया रोहिणी ने?
इनकम ही नहीं और भी कमियों की बात की जा रही है। एक खत के जरिए यह कहा गया है कि रोहिणी आचार्य सिंगापुर में रहती हैं।
- अपने हलफनामे में सिंगापुर की कमाई यानि इनकम का ब्योरा नहीं दिया है। कहा गया है कि विदेश के इनकम का ब्योरा देना भी जरूरी है। ये खत दावा करता है कि रोहिणी आचार्य ने अपना पता- 208, कौटिल्य नगर, एमपी/एम एल ए कॉलोनी, पटना लिखा है। जबकि अचल संपत्ति कॉलम में उन्होंने सिर्फ पटना के दानापुर में जमीन का जिक्र किया है।
- रोहिणी पिछले पांच साल से भी ज्यादा वक्त से सिंगापुर में रह रही हैं लेकिन उन्होंने एफडेविट में इस बात का ऐलान नहीं किया है कि वह भारत की सिटिजन हैं, जबकि इस बात की घोषणा भी जरूरी है। ये हलफनामा उनके NRI (अनिवासी भारतीय) स्टेट्स के बारे में भी कुछ नहीं बताता है।
- रोहिणी ने अपने पासपोर्ट स्टेटस के संबंध में भी जानकारी नहीं दी है। इसको लेकर सारण आरओ को शिकायत के बाद जब बीजेपी की शिकायत को निरस्त कर दिया गया तो अब इसको लेकर पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई।
Updated 08:04 IST, May 17th 2024