Published 20:36 IST, March 31st 2024
तो क्या मेरठ प्रधानमंत्री के लिए लकी है! रैली के दौरान PM ने दिए संकेत, हैट्रिक की है पूरी तैयारी
ये संयोग है या मेरठ की महिमा कि पीएम ने लगातार तीसरी बार क्रांतिकारियों की इस भूमि को चुनावी कैंपेन का आगाज करने को चुना!
PM Modi Meerut Rally: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरठ से एक बार फिर ताल ठोकी है। विपक्ष के इरादों को कुंद करने का जज्बा पक्का है और शायद यही वजह है कि मेरठ को चुना है। क्रांतिवीरों की धरती से दहाड़े। अपना रिश्ता बताया। इन संबंधों के बल पर ही हैट्रिक का विश्वास भी झलका। इस बार का सियासी समीकरण भी इसकी ओर इशारा करता है।
रालोद के साथ गठबंधन ने भी एनडीए को जाट लैंड में मजबूती के साथ पेश किया है। 2014, 2019 फिर 2024 में अटकलों के आधार पर नहीं बल्कि ऑन पेपर भी गठबंधन विपक्षी एकता पर हमला बोलती दिख रही है।
पीएम ने तो इशारा कर दिया!
पीएम ने मेरठ से रिश्ता बताया और चुनाव प्रचार के आगाज का कनेक्शन भी बता डाला। कहा - मेरठ की धरती के साथ मेरा कुछ अलग ही रिश्ता है। आपको याद होगा 2014 में और 2019 में मैंने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत यहीं मेरठ से की थी। अब 2024 के चुनाव के पहली रैली मेरठ में ही हो रही है। 2024 का यह चुनाव फिर एक सरकार बनाने का चुनाव नहीं है? कौन सांसद बने? कौन न बने? इसका चुनाव नहीं है। 2024 का चुनाव विकसित भारत बनाने के लिए है।
2019 में भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल ने सपा समर्थित बसपा उम्मीदवार हाजी याकूब कुरेशी को 5,000 से भी कम वोटों के मामूली अंतर से हराकर सीट हासिल करने में कामयाबी हासिल की थी। इस बार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद टीवी सीरियल रामायण में मुख्य किरदार निभाने वाले राम -अरुण गोविल को मैदान में उतारा है।
दे दिया 400 पार वाला टास्क
पीएम ने अपने भाषण का समापन जनसभा में मौजूद लोगों को एक टास्क देकर किया। बोले ये चुनाव का नहीं पर्सनल काम है। कहा- विकसित भारत के लिए, बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए महिलाओं के सम्मान के लिए, नौजवानों के लिए, किसानों की समृद्धि के लिए, भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने के लिए आप मेरा एक काम करेंगे। ये काम बहुत छोटा सा है। आप घर-घर जाना और कहना कि मोदी मेरठ आए थे और आपको प्रणाम भेजा है। घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचा दीजिए।
एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ के तौर पर मोदी ने टास्क के जरिए 400 पार का लक्ष्य कैसे सिद्ध होगा ये बता दिया।
अब समझें रालोद से सियासी फायदा कैसे?
मेरठ राजनीतिक रूप से काफी अहम रहा है। यह एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है, जिसमें जाटों और गुर्जरों की एक बड़ी आबादी है, वेस्ट यूपी में जाट समाज की बात करें तो आबादी करीब 17 फीसदी हैं। यहां दलित, मुस्लिम के बाद तीसरे नंबर पर जाट हैं। जाट और गुर्जर दो समुदाय हैं, जिन्हें भाजपा एकजुट करने की कोशिश में पिछले चुनावों से ही है और मेरठ से आगाज के जरिए इन जातियों को साधने की ही कोशिश है। पीएम मोदी, सीएम योगी और जयंत चौधरी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का बार बार जिक्र किया। ये संदेश देने की ही कोशिश है। सूत्रों का कहना है कि जयंत चौधरी ने अपना अभियान बागपत और बिजनौर सहित कई संसदीय सीटों पर चुनावी प्रचार शुरू कर दिया है, जहां से उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी।
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Updated 20:36 IST, March 31st 2024