Published 14:32 IST, June 8th 2024
'इंशाअल्लाह, यह लूली लंगड़ी...'गाजीपुर से अफजाल की जीत पर मुख्तार अंसारी के बेटे का विवादित बयान
अफजाल गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीत गए। सपा के टिकट पर BJP के पारसनाथ को 1 लाख से भी ज्यादा मतों से हराया। जीत पर मुख्तार के बेटे ने बेहद विवादित बयान दिया।
अजय कुमार दूबे
Umar Ansari Controversial Statement: मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी चुनाव जीतने के बाद धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुआ। यहां एनडीए की सरकार को निशाने पर ले भड़काऊ बयान दिया। मृतक पिता को शहीद बताते हुए दावा किया कि केंद्र की सरकार लूली लंगड़ी है और ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएगी।
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर में सपा सहानुभूति बटोर रही थी। विपक्ष के नैरेटिव पर अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाया गया और नतीजा सपा के पक्ष में आया। तगड़े मुकाबले में अफजाल ने बीजेपी के पारसनाथ राय को 1 लाख 24 हजार 2 सौ छियासठ वोटों के मार्जिन से हराया। यही वजह है कि उमर से लेकर कार्यकर्ता आपा खो रहे हैं।
‘लूली लंगड़ी सरकार...’
उमर अंसारी ने एक जलसे में भावनाओं को कुरेदने की कोशिश की और दावा किया कि NDA सरकार तो जाने ही वाली है। कहा- इंशाअल्लाह.. यह लूली-लंगड़ी सरकार ज्यादा दिन तक चलने वाली नहीं है। यह जल्द ही गिरेगी और फिर ऐसी सरकार भी बनेगी जो हमारे 'दीन'की हिफाजत कर सकेगी।
एक और कर्बला से गुजरने का वक्त
उमर ने जलसे में भड़काऊ बयान भी दिया। एक शेर सुनाते हुए कहा- इंसानियत है हुसैन...एक और कर्बला से गुजरने का वक्त है। आगे कहा- मुल्क में जो हालात है. हमने सियासत के मैदान में अपना खूंटा गाढ़ा...हम पर जुल्म कर रहे थे...जिनका इरादा है कि नस्लों को बर्बाद कर दिया जाए...हम कहता हूं तो मैं अपनी बात नहीं कर रहा हूं ...शुरुआत हमसे जरूर हुई है। लगेगी आग तो आएंगे कई घर इस जद में यहां एक हमारा मकान थोड़े ही है।
मनोज सिंहा के करीबी पारसनाथ
बीजेपी के पारसनाथ राय को मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है और अधिकतकर लोगों का मानना है कि यही वजह है कि उन्हें टिकट थमाया गया। पारसनाथ राय को कुल 4,13,518 मत मिले जबकि अफजाल अंसारी को 5,37,784 वोट मिले। अफजाल पिछली बार बसपा से सांसद चुने गए थे जबकि इस बार सपा से सांसद चुने गए। इस तरह वो लगातार दूसरी बार गाजीपुर से सांसद बने।
अंसारी फैमिली का रहा प्रभाव
गाजीपुर में अंसारी परिवार की सियासत हमेशा सुर्खियों में रही। इसके पीछे यहां का जातीय और धार्मिक समीकरण है। यहां मुस्लिम आबादी 2.70 लाख तो दलित मतदाता 4 लाख के आस-पास हैं। यादव मतदाता साढ़े 4 लाख के करीब, OBC मतदाता भी 4 लाख के करीब। इसी समीकरण को ध्यान में रख 2004 में भी अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर से चुनाव जीते थे, 2019 में बसपा के टिकट पर जीते तो इस बार सपा ने चुनाव लड़वाया।
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Updated 14:44 IST, June 8th 2024