Published 10:04 IST, May 15th 2024
'पूरे देश को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं कांग्रेस और लालू यादव', विपक्ष पर बरसे गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी गठबंधन पर जोरदार हमला बोला। ममता बनर्जी, कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव की मंशा को लेकर बड़ा दावा किया।
Giriraj Singh: बेगूसराय से भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इंडी ब्लॉक पर बड़ा वार किया है। कहा है कि ममता जहां बंगाल को मुस्लिम राज्य बनाना चाहती हैं तो वहीं कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव आरक्षण की राजनीति कर पूरे देश को इस्लामिक स्टेट बनाने की चाह रखते हैं। भाजपा के बंपर जीत का दावा भी किया। इस दावे के साथ राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर भविष्यवाणी भी!
13 मई को चौथे चरण में बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर मत पड़े। इनमें से एक बेगूसराय भी था। यहां से बीजेपी ने गिरिराज को रिपीट किया। उनकी सीधी टक्कर इंडी ब्लॉक की ओर से खड़े किए गए अवधेश राय से है।
‘कांग्रेस- लालू इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं, जो मंजूर नहीं’- गिरिराज
गिरिराज सिंह ने विपक्षी दलों के पिछड़ी जातियों को लेकर किए गए दावे को अपने अंदाज में परिभाषित किया। उन्होंने कहा- कांग्रेस और लालू यादव ये सारे के सारे कल तक पिछड़ों की हिमायत कर रहे थे...कर्नाटक में पिछड़ों का आरक्षण खत्म कर मुसलमान को ओबीसी कैटेगरी में ले आए...भविष्य में ये देश को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं...भारतीय जनता पार्टी के सिपाही जैसे लोगों को कतई मंजूर नहीं...हम विरोध करेंगे...अगर भारत में मुसलमानों को आरक्षण दिया जाएगा तो उनको देने दें... ले जाएं बाहर जहां इनके चाहने वाले लोग हैं।
'ममता बनर्जी की किम जोंग वाली तानाशाही'
इससे पहले गिरिराज पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर भी बरसे। बोले- ममता बनर्जी बंगाल को मुस्लिम राज्य बनाना चाहती हैं...रोहिंग्या के लिए, घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछा रखा है...इनके मंत्री पिछले चुनावों में कहते थे पत्रकारों को कि आइए मिनी पाकिस्तान दिखाते हैं...यानि बंगाल को पाकिस्तान बनाना चाहते थे...हमारी सरकार आएगी तो एनआरसी लागू होगा, सीएए लागू होगा, जब जनसंख्या नियंत्रण होगा...और इनकी किम जोंग वाली तानाशाही खत्म होगी।
राहुल- सोनिया गांधी को लेकर भविष्यवाणी!
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री ह ने कहा, “राहुल गांधी और सोनिया गांधी देश को छोड़कर भागने वाले हैं... इन्हें देश से कोई प्यार नहीं है। इस बार उनकी पिछली बार से भी कम सीटें आएंगी और वे भारत छोड़कर भागेंगे।”
बेगूसराय सीट पर चुनाव संपन्न
लोकसभा चुनाव के चौथे फेज में बेगूसराय प्रमुख सीटों में एक है। यहीं से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की साख दांव पर लगी है। 2019 में उन्होंने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को हराया था। कन्हैया तब सीपीआई की ओर से लड़े थे। अब वो कांग्रेस में हैं। 2019 के मुकाबले इस बार का चुनाव अलग है। विफक्ष गठबंधन के आधार पर दावा कर रहा है कि उनकी जीत तय है क्योंकि पिछली बार वामपंथी दल महागठबंधन में नहीं था और राजद ने भी तनवीर हसन को प्रत्याशी बनाया था। तब बेगूसराय में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। इस बार ऐसा नहीं है। हालांकि जातीय समीकरण के हिसाब से गिरिराज का पलड़ा भारी है।
बेगूसराय का जातीय समीकरण?
चुनावी समर में उतरने से पहले ही जीत का दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ये जाति का मामला है। ये भूमिहार बहुल क्षेत्र है। एक अनुमान के मुताबिक भूमिहारों की संख्या यहां पर साढ़े 4 लाख से भी ज्यादा है। गिरिराज इसी जाति से आते हैं। गिरिराज सिंह की गिनती प्रदेश के दिग्गज भूमिहार नेताओं में होती है। तो वहीं मुसलमानों की संख्या ढाई लाख, कुर्मी-कुशवाहा की 2 लाख और यादवों की संख्या डेढ़ लाख के करीब है। अवधेश राय यादव समाज से ताल्लुक रखते हैं। इनके अलावा क्षेत्र में ब्राह्मण, राजपूत और कायस्थ समुदाय के वोटर्स भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
जाति बेस्ड समीकरण बताता है कि यहां की सियासत की धुरी भूमिहार समाज के चारों ओर घूमती है। 2014 में भोला सिंह जीते वो भी भूमिहार थे। यही वजह है कि 2019 में कभी वामपंथ का गढ़ रहे इस इलाके में कन्हैया पर दांव लगाया गया। सोच ये थी कि दलित और अल्पसंख्यकों का वोट मिलाकर जीत आसान होगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जदयू भाजपा ने मिलकर लड़ाई लड़ी और जदयू का कोर वोटर भी गिरिराज के पक्ष में चला गया। अल्पसंख्यकों का वोट शेयर बंटा और विपक्ष का बंटाधार हो गया।
Updated 10:12 IST, May 15th 2024