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Published 12:10 IST, May 1st 2024

अमेठी-रायबरेली में कांग्रेस का दावेदार कौन! क्या 1981 वाला फॉर्मूला दोहराएगी पार्टी?

अमेठी पर कांग्रेस पत्ते खोलने को तैयार नहीं है और बीजेपी प्रत्याशी जमीन पर लगातार विरोधियों के हौसले पस्त कर रही हैं।

Reported by: Kiran Rai
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Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi Vadra are likely to contest from their old family bastions of Amethi and Rae Bareli respectively
अमेठी रायबरेली से कौन? | Image: PTI
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Amethi Suspense:  अमेठी में 20 मई को पांचवें चरण में वोटिंग होनी है। नामांकन की प्रक्रिया जारी है। 3 मई आखिरी दिन है। लेकिन कांग्रेस की पशोपेश है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। राहुल और प्रियंका को लेकर सियासत गर्म है।

रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी उछल रहा है इसलिए कयासों, अफवाहों के बीच सबको साल 1981 याद आ रहा है। आखिर क्या है कनेक्शन 2024 लोकसभा चुनाव का उस साल का? क्यों पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी सबको याद आ रहे हैं?

सस्पेंस पर सवाल किया तो...

हाल ही में कांग्रेस सीईसी यानि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। जिसमें फैसला शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ दिया गया।  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से इसे लेकर हाल ही में मीडिया ने सवाल किया तो जवाब दिया- रायबरेली और अमेठी में आपको कुछ आश्चर्य हो सकता है।'

इस बीच उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अमेठी -रायबरेली के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने भी कहा था कि राहुल और प्रियंका को यहां से चुनाव लड़ना चाहिए। वैसे राहुल खुद ही कह चुके हैं कि फैसला केंद्रीय चुनाव समिति को करना है।

और अखिलेश की महफिल

कांग्रेस ही नहीं बल्कि इंडी अलायंस के साथी समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी ऐसा ही कुछ कहा। कन्नौज में अपनी दावेदारी का ऐलान करने के बाद राहुल को लेकर भी  संकेत दिए। अखिलेश से पूछा गया कि क्या उनके मित्र चुनाव लड़ने अमेठी आएंगे? इस पर उन्होंने कहा, 'सब आएंगे, अब तो महफिल यूपी में ही सजेगी।'

चुनाव 20 मई को फिर...

चुनाव 20 मई को है। यानि पांचवें चरण में। नियमानुसार नामांकन के लिए 3 मई आखिरी तारीख है। लेकिन दो दिन पहले तक नाम अनाउंस नहीं हुआ। क्या ये संयोग है या प्रयोग, सवाल इसे लेकर भी उठ रहे हैं और इस बीच 1981 का वो दौर भी याद आ रहा है जब राहुल के पिता और तत्कालीन प्रधानमंत्री के बेटे राजीव गांधी ने सियासत की पिच पर यहां से कदम रखा था तब भी एक दिन पहले तक कुछ ऐसी ही स्थिति थी।

संजय की सीट से राजीव गांधी ने भरा परचा

बात 1981 की है। संजय गांधी 1980 में अमेठी से सांसद चुने गए। लेकिन साल भर के भीतर ही विमान हादसे में निधन हो गया। उप चुनाव हुए। 1981 में राजीव गांधी ने नामांकन भरा लेकिन उस दौरान भी कशमकश बरकरार रही थी। नामांकन के आखिरी दिन ही परचा भरा और जीतकर संसद पहुंचे। 1981 में जिस दिन राजीव गांधी को अमेठी से उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया था, उसी दिन उन्होंने नामांकन दाखिल किया था। तो क्या इतिहास खुद को दोहराने की कगार पर है?

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12:10 IST, May 1st 2024