Published 22:04 IST, October 7th 2024
हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत कम, EC ने शहरी उदासीनता को बताया वजह
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखी गई है। EC का कहना है कि इस गिरावट का मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति उदासीनता है।
Hariyana Vidhansabha Chunav: हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट देखी गई है। निर्वाचन आयोग (EC) का कहना है कि इस गिरावट का मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति उदासीनता है। आयोग ने चिंता जताते हुए कहा कि शहरी मतदाता मतदान में कम रुचि दिखा रहे हैं, जिससे समग्र मतदान प्रतिशत प्रभावित हो रहा है। चुनाव आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करें और बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लें।
नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) निर्वाचन आयोग ने सोमवार को इस बात को लेकर चिंता जताई कि शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की उदासीनता के कारण हरियाणा में कुल मतदान प्रतिशत में कमी आ रही है। आयोग ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता अधिक उत्साह के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे।
हरियाणा में शनिवार को 90 विधानसभा क्षेत्रों में 67.9 प्रतिशत मतदान हुआ था। निर्वाचन आयोग ने कहा कि यह मतदान प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में मतदाताओं की काफी अधिक प्रतिक्रिया को दर्शाता है, जब राज्य में 64.8 प्रतिशत मतदान हुआ था।
मतदान 2019 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े को लगभग छू गया, जो 68.3 प्रतिशत था। निर्वाचन आयोग ‘शहरी और युवा उदासीनता’ की समस्या से जूझ रहा है, जहां महानगरों में मतदाता, विशेषकर युवा, घर के अंदर रहना पसंद करते हैं और मतदान के दिन वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों पर नहीं आते हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा, ‘‘हालांकि, शहरी क्षेत्रों में उदासीनता की चिंताजनक प्रवृत्ति राज्य के समग्र मतदाता मतदान पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रही है तथा हरियाणा के कई शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान दर राज्य औसत से 10 प्रतिशत कम है।’’
आयोग ने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, बल्लभगढ़, सोनीपत, करनाल और बादशाहपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में मतदान कम रहा। इसने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सबसे कम मतदान गुरुग्राम में हुआ, जहां 51.81 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए आए। आयोग ने कहा कि शहरी भागीदारी कम होने का यह रुझान कर्नाटक, गुजरात और हिमाचल प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों में देखी गई प्रवृत्ति के समान है।
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Updated 22:04 IST, October 7th 2024