Published 23:54 IST, August 17th 2024
हरियाणा: शुरू हुए सियासी दांव, BJP लगाएगी हैट्रिक या कांग्रेस की होगी सत्ता वापसी; किसमें कितना दम?
BJP करीब एक दशक से राज्य की सत्ता में है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनसे पहले सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर की स्वच्छ छवि का लाभ बीजेपी को मिल सकता है।
Haryana Election 2024: चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया है कि वो लगातार राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस दम भर रही है कि वो इस बार बीजेपी को सत्ता से बाहर कर देगी। बीजेपी ने कुछ महीने पहले ही हरियाणा में बड़े बदलाव किए हैं। पार्टी ने जहां मुख्यमंत्री बदला वहीं, गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) से भी नाता तोड़ लिया। हालांकि सवाल यह है कि यह कवायद क्या राज्य में पार्टी को लगातार तीसरा कार्यकाल दिला पाएगी?
हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में राज्य के मुख्य दलों ने ताकत, कमजोरियों, अवसरों और चुनौतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि बीजेपी हरियाणा में बड़े जनादेश के साथ सत्ता बरकरार रखेगी और विकास की गति तेज होगी। बीजेपी की ताकत ये है कि हरियाणा में 10 साल से सत्ता पर काबिज है और उसके पास बूथ स्तर तक मजबूत संगठन है। पार्टी ने इन चुनावों की तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी थी।
बीजेपी के सामने चुनौती
बीजेपी करीब एक दशक से राज्य की सत्ता में है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और उनसे पहले सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर की स्वच्छ छवि का लाभ बीजेपी को मिल सकता है। प्रदेश में किसानों का विरोध और फिर से उभरती कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना करना होगा। लोकसभा चुनाव 2024 में भी इसकी एक झलक देखने को मिली थी। प्रदेश में लोकसभा की 10 सीट हैं, जिसमें से 5 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी।
कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम नहीं
चुनाव का एलान होने से पहले ही कांग्रेस ने घोषणाएं करनी शुरू करदी थी। दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला व्यक्तिगत रूप से मतदाताओं के व्यापक वर्ग को प्रभावित करते हैं। कांग्रेस के सामने चुनौती ये है कि इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और JJP जैसी पार्टियों के बीच जाट मतों का बंटवारा उसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। हुड्डा और सैलजा के नेतृत्व में अलग-अलग धड़े होना और कांग्रेस के सत्ता में रहते समय हुए कथित घोटालों को बीजेपी लगातार मुद्दा बना रही है। ये कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी मुश्किल है।
JJP और इनेलो का असर
साढ़े चार साल तक सरकार का हिस्सा रही JJP राज्य के ग्रामीण इलाकों में प्रभाव रखती है और देवीलाल की विरासत पर दावा करती है। दुष्यंत चौटाला जाट समुदाय का एक प्रमुख चेहरा हैं, जो युवा मतदाताओं को लुभाने में सक्षम हैं। लेकिन बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद JJP के लिए आगे के हालात कठिन होंगे। चुनाव का ऐलान होते ही 4 विधायक पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं। पार्टी के कुछ नेता भी पाला बदलकर कांग्रेस या बीजेपी में जा सकते हैं।
2019 में किंगमेकर थी JJP
2019 में दुष्यंत चौटाला की पार्टी ने किंगमेकर की भूमिका निभाई थी। JJP के समर्थन से ही बीजेपी लगातार दूसरी बार हरियाणा में सरकार बना पाई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला की पार्टी को 10 सीट पर जीत मिली थी और बीजेपी 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी। इस बार चुनाव का एलान होते ही JJP टूटनी शुरू हो गई है।
इनेलो की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत वोट बैंक आधार है और हाल ही में बसपा के साथ गठबंधन के बाद इसमें और मजबूती आई है। इनेलो उन लोगों को लुभाने का काम कर सकती है जो बीजेपी और कांग्रेस का विकल्प तलाश रहे हैं। मुश्किल ये है कि अतीत में इसे कई चुनाव हारने का सामना करना पड़ा है। हाल के दिनों में पार्टी के शीर्ष नेता कांग्रेस या बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
हरियाणा में 1 अक्टूबर को मतदान
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के साथ हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए तारीख की घोषणा की है। हरियाणा में 1 अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को पूरा होने वाला है।
(भाषा इनपुट के साथ रिपब्लिक भारत डेस्क)
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Updated 00:10 IST, August 18th 2024