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Published 10:47 IST, April 2nd 2024

किस असमंजस में हैं Akhilesh Yadav? रामपुर-मुरादाबाद से मेरठ-बागपत तक... सपा ने बदल डाले कई उम्मीदवार

Samajwadi Party ने अब मेरठ और बागपत में उम्मीदवार बदल दिए हैं। अखिलेश यादव चुनावों से ठीक पहले अभी तक तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर फेरबदल कर चुके हैं।

Reported by: Dalchand Kumar
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समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव | Image: Facebook

Samajwadi Party: क्या समाजवादी पार्टी को अपने नेताओं की लोकसभा चुनावों में जीत पर अविश्वास है, क्या अखिलेश यादव किसी असमंजस में फंसे हैं? सवाल इसलिए हैं कि पार्टी के भीतर जिताऊ चेहरे चुनने के लिए कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है। रामपुर-मुरादाबाद हो या मेरठ, नोएडा, बागपत… अखिलेश यादव लोकसभा चुनावों से ठीक पहले तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल चुके हैं।

चुनाव में किसी भी सीट पर नए चेहरों को टिकट देना और पुराने नेता का पत्ता साफ करना लगा रहा है, लेकिन समाजवादी पार्टी इतनी कंफ्यूजन में दिखती है कि लोकसभा के चुनावों में एक ही सीट पर बार-बार प्रत्याशी बदल रही है। शुरुआत में बिजनौर, मुरादाबाद और रामपुर में सपा ने अपने उम्मीदवारों को बदला। अभी मेरठ और बागपत में भी पार्टी ने अपने प्रत्याशी बदल डाले हैं। अखिलेश यादव ने कहां-कहां प्रत्याशी बदले और किसकी जगह किसे नया उम्मीदवार बनाया, पूरी लिस्ट…

सपा ने कहां-कहां प्रत्याशी बदले?

बिजनौर: समाजवादी पार्टी ने यहां से पहले यशवीर सिंह को टिकट दिया था। हालांकि जब एक और लिस्ट आई तो यशवीर सिंह की जगह दीपक सैनी को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।

मुरादाबाद: समाजवादी पार्टी ने अपनी लिस्ट जारी करके पहले दिग्गज नेता एसटी हसन को टिकट दिया था। घटनाक्रम ऐसा बदला कि सपा ने नई लिस्ट में रुचि वीरा को मैदान में उतार दिया। खूब हंगामा मचा, क्योंकि एसटी हसन नामांकन दाखिल कर चुके थे। उधर, रुचि वीरा भी पर्चा भर आई थीं। एसटी हसन के बयानों से उनकी नाराजगी साफ झलक रही थी। हालांकि बाद में उन्हें पीछे हटना पड़ा। अभी यहां से सपा की प्रत्याशी रुचि वीरा हैं।

रामपुर: समाजवादी पार्टी के नेता और आजम खान के करीबी आसिम रजा चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे। वो 2022 में रामपुर से लोकसभा उपचुनाव लड़ चुके थे। हालांकि सपा ने बाद में यहां से मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी को उतार दिया। उससे नाराज आसिम रजा भी अपना पर्चा भर आए। अब मोहिबुल्ला को ही सपा का अधिकृत प्रत्याशी माना गया है।

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नोएडा: समाजवादी पार्टी के भीतर नोएडा सीट को लेकर भी कंफ्यूजन दिखी है। पार्टी ने शुरुआत में राहुल अवाना को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया। हालांकि बाद में राहुल अवाना को हटाकर सपा ने महेंद्र नागर को चुनाव मैदान में उतार दिया। अब महेंद्र नागर ही सपा से कैंडिडेट हैं।

मिश्रिख: इस सीट पर भी कुछ कंफ्यूजन वाला हाल दिखा। सपा ने इस सीट पर रामपाल राजवंशी को टिकट दिया था। बाद में उनका टिकट कटा और बेटे मनोज राजवंशी मिल गया। तीसरी बाद प्रत्याशी बदलते हुए समाजवादी पार्टी ने यहां से मनोज राजवंशी की पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट दे दिया।

मेरठ: अखिलेश यादव ने शुरुआत में भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया था। बाद में उनका भी टिकट कटा और प्रत्याशी बदलते हुए सपा ने यहां से अतुल प्रधान को उतार दिया। अतुल प्रधान मेरठ के सरधना से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। इधर, मेरठ शहर से विधायक रफीक अंसारी ने नामांकन पत्र खरीद लिया है। इससे मेरठ में भी रामपुर और मुरादाबाद जैसी असमंजस भरी स्थिति पैदा हो गई है।

बागपत: समाजवादी पार्टी ने अब बागपत से भी प्रत्याशी बदल दिया है। पहले यहां से सपा ने मनोज चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया था और फिर उनका नाम हटाकर पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को टिकट दे दिया है।

सपा में असमंजस पर क्या बोले विरोधी दल?

भारतीय जनता पार्टी के नेता समाजवादी पार्टी पर बार-बार प्रत्याशी बदलने को लेकर कटाक्ष कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं- 'सपा में कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन है, सॉल्यूशन का पता नहीं। हर चुनाव में सपा में सिर फुटव्वल होती है। सपा की अंतर्कलह से बीजेपी की विजय का मार्ग सरल होगा।'

जब मुरादाबाद में सपा प्रत्याशी को लेकर विवाद हुआ तो उसमें असदुद्दीन ओवैसी भी कूदे थे। एसटी हसन पर ओवैसी ने कहा था- "आपके नेता (अखिलेश यादव) को सिर्फ आपका (मुस्लिम) वोट चाहिए, वो चाहते हैं कि आप उनके लिए दरी बिछाते रहें और भैया पर जवानी कुर्बान करते रहें। अकलियतों की सियासी नुमाइंदगी (मुस्लिम लीडरशिप) को खत्म करने की एक साजिश है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।'

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Updated 17:46 IST, April 2nd 2024