Published 09:48 IST, December 31st 2024
गजबे फ्रॉड हो रहा है...दिल्ली का विधानसभा चुनाव 'पंचायत' पर आया, सचिव जी से लेकर विनोद और बनराकस तक कर रहे कैंपेन!
Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 तक है। लिहाजा फरवरी की शुरुआत में ही दिल्ली में चुनाव कराए जा सकते हैं।
Delhi Assembly Elections: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा देर नहीं है। नए साल की शुरुआत में कभी भी दिन तारीखों का ऐलान हो जाएगा। खैर अभी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में 'पंचायती' तगड़ा लग रहा है। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों 'पंचायत' के सहारे अपने कैंपेन को बढ़ा रही हैं। इसमें सचिव जी से लेकर विनोद और बनराकस तक कैंपेन करने उतरे हैं।
असल में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के चुनाव में 'पंचायत' सीरीज के कलाकारों को उतारा है। बीजेपी और AAP दोनों ने 29 दिसंबर को अलग-अलग वीडियो शेयर किए, जिसमें 'पंचायत' सीरीज के कलाकार हैं और वो पार्टियों के कैंपेन का हिस्सा बने हुए हैं। हालांकि ये स्पूफ वीडियो हैं, जो किसी भी वास्तविक वीडियो का आसान रीमेक होते हैं।
दिल्ली का विधानसभा चुनाव 'पंचायत' पर आया
बीजेपी ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें 'विनोद' और 'बनराकस' हैं। वीडियो में बीजेपी ने महिला सम्मान और संजीवनी योजना को लेकर उठे विवाद का जिक्र किया है। इसमें आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाया गया है। बीजेपी ने वीडियो के साथ कैप्शन दिया- 'ई तो गजबे फ्रॉड हो रहा है।'
इसी तरह आम आदमी पार्टी के वीडियो में 'सचिव जी', 'प्रधान', 'प्रह्लाद चा' और 'बनराकस' हैं। AAP के वीडियो में दिल्ली सरकार की फ्री योजनाओं का जिक्र है। शिक्षा से लेकर बिजली और पानी के लिए सरकार के फैसलों की प्रशंसा की गई है। आखिरी में बीजेपी को भी निशाना बनाया गया है।
दिल्ली में रहेगा त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 तक है। लिहाजा फरवरी की शुरुआत में ही दिल्ली में चुनाव कराए जा सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि जनवरी के मध्य तक चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर सकता है। पिछले 3 चुनावों की तरफ दिल्ली में इस बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला रहेगा। सत्ता में आम आदमी पार्टी है, जो सभी 70 सीटों पर कैंडिडेट उतार चुकी है, जबकि विरोधियों में कांग्रेस (47 सीट पर उम्मीदवार घोषित) और भारतीय जनता पार्टी है।
1993 से 1998 के बीच दिल्ली में बीजेपी सत्ता में थी और इस दौरान उसने 3 मुख्यमंत्री दिए- साहिब सिंह वर्मा, मदन लाल खुराना और सुषमा स्वराज। हालांकि 1998 में दिल्ली के मतदाताओं ने कांग्रेस की शीला दीक्षित को चुना और उनकी पसंद 15 साल तक बरकरार रही। शीला दीक्षित ने अगले लगातार दो विधानसभा चुनाव जीतकर हैट्रिक बनाई। 1998 से 2008 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का समर्थन करने के बाद कई मतदाताओं का इस पुरानी पार्टी से मोहभंग होने लगा, खासकर 2जी स्पेक्ट्रम जैसे कथित घोटालों के बाद। 2011 में अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल और अन्य कार्यकर्ताओं ने अपने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ राष्ट्रीय परिदृश्य पर धमाका किया। यहां से आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ। 2013 के चुनावों में बीजेपी ने 32 सीटें जीती थीं, जबकि नवगठित अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को 28 सीटें मिलीं और कांग्रेस सिर्फ 8 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही।
कांग्रेस के वोटबैंक को छीनने में सफल रही AAP ने दिल्ली में अपनी सरकार बनाई, जिसमें किसी और का नहीं बल्कि अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस का समर्थन था। जन लोकपाल बिल के मुद्दे पर सिर्फ 49 दिनों में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा के लिए नए सिरे से चुनाव कराने का अनुरोध किया। इसके बाद 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में AAP ने कांग्रेस और बीजेपी को पूरी तरह से खत्म कर दिया। अरविंद केजरीवाल की लहर थी, जिसने अपने विरोधियों पर भारी जीत दर्ज की। AAP को 2015 में 70 में से 67 और 2020 में 62 सीटें मिलीं। इस बार तीनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर है।
Updated 11:10 IST, December 31st 2024