Published 16:32 IST, December 25th 2024
Delhi Election: दिल्ली में चुनाव से पहले क्या है नोट वाला विवाद? आमने-सामने हैं केजरीवाल और प्रवेश वर्मा
Delhi: आतिशी और AAP आरोप लगा रही है कि प्रवेश वर्मा ने अपने आवास पर महिलाओं को नोट बांटे हैं। इन आरोपों का BJP नेता प्रवेश वर्मा ने बेधड़क होकर जवाब दिया है।
Delhi Assembly Election: पूरी संभावनाएं हैं कि प्रवेश वर्मा नई दिल्ली विधानसभा सीट से बीजेपी के कैंडिडेट हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी की तरफ से अरविंद केजरीवाल यहां से उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। कांग्रेस से संदीप दीक्षित के खड़े होने पर नई दिल्ली सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। हालांकि चुनावों से पहले आरोप प्रत्यारोप की राजनीति में प्रवेश वर्मा और आम आदमी पार्टी फिलहाल आमने सामने हैं। क्योंकि यहां नोट वाला विवाद खड़ा हो गया है।
दिल्ली में 25 दिसंबर के दिन की शुरुआत विवादों के साथ ही हुई। पहले दिल्ली में योजनाओं के लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच वार -पलटवार चला। इसी बीच नोट वाला नया सियासी धमाका हो गया है। ये धमाका तब हुआ, जब AAP ने बीजेपी पर दिल्ली में नोट से वोट खरीदने की कोशिश का आरोप लगा दिया। आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि प्रवेश वर्मा ने अपने सरकारी आवास पर महिलाओं को नोट बांटे हैं। इन आरोपों का बीजेपी के नेता प्रवेश वर्मा बेधड़क होकर जवाब दे रहे हैं। इससे दोनों पक्षों के बीच वार-पलटवार का सिलसिला चल रहा है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में चुनाव से पहले नोट वाला मामला कुछ वीडियो सामने आने के बाद आया। बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा को सांसद के रूप में पहले जो सरकारी बंगला मिला हुआ था, वो वहीं रहते हैं और उसी घर के बाहर महिलाओं की भीड़ थी। कुछ महिलाएं थैले लेकर जा रही थीं। एक कार्ड महिलाओं के हाथों में था, जिस पर लाडली योजना लिखा हुआ था। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं ने दावा किया कि प्रवेश वर्मा की तरफ से उन्हें पैसे दिए गए। इसी को लेकर केजरीवाल और उनकी पार्टी वोट खरीदने के आरोप लगा रही है।
AAP ने लगाए प्रवेश वर्मा पर नोट बांटने के आरोप
AAP नेताओं का दावा है कि नई दिल्ली विधानसभा के अलग-अलग इलाकों से गरीब महिलाओं को प्रवेश वर्मा के सरकारी घर पर बुलाया गया था। हर महिला को लिफाफे में 1100 रुपये दिए गए। अरविंद केजरीवाल 'X' पर एक पोस्ट में लिखते हैं- 'मैं अभी अपनी नई दिल्ली विधान सभा क्षेत्र के कई इलाकों से आ रहा हूं। हर जगह लोगों ने बताया कि ये लोग खुले आम वोट खरीद रहे हैं। एक वोट के 1100 दे रहे हैं। लोगों ने कहा कि लोग इनसे पैसे ले लेंगे, लेकिन इन्हें वोट नहीं देंगे।'
मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि BJP नेता और पश्चिमी दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके प्रवेश वर्मा को उनके सरकारी आवास पर कथित रूप से पैसे बांटते हुए पकड़ा गया। सीएम आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बीजेपी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में लोगों के वोटर कार्ड चेक करके उन्हें पैसे बांट रही है, जहां से अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ते हैं। आज प्रवेश वर्मा को उनके सरकारी आवास पर पैसे बांटते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया, जो उन्हें सांसद के तौर पर मिले थे। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की अलग-अलग झुग्गियों की महिलाओं को वहां बुलाया गया और एक लिफाफे में 1100 रुपये दिए गए।' आतिशी ने आरोप लगाया कि प्रवेश वर्मा के घर में करोड़ों रुपये हैं और उन्होंने चुनाव आयोग से ईडी और दिल्ली पुलिस को वर्मा के सरकारी आवास पर छापा मारने और उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
AAP सांसद संजय सिंह आरोप लगाते हुए कहते हैं- ‘अरविंद केजरीवाल के इलाके में चुनाव आयोग की नाक के नीचे खुलेआम हजारों रुपये बांटे जा रहे हैं और उस इलाके से संभावित उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ये पैसे बांट रहे हैं। उनके घर में अभी भी करोड़ों रुपये हैं। ईडी, सीबीआई क्या कर रही है? हम मांग करते हैं कि उनके घर को जब्त किया जाए और मामले की जांच की जाए।’
आतिशी के आरोपों पर प्रवेश वर्मा का जवाब
प्रवेश वर्मा ने अपने इलाके में नोट बांटने के आरोपों पर सफाई दी है। प्रवेश वर्मा AAP के आरोपों पर जवाब देते हुए कहते हैं कि कम से कम मैं शराब तो नहीं बांट रहा, जो अरविंद केजरीवाल कर रहे थे। मुझे खुशी है कि मैं लोगों की मदद कर रहा हूं।
प्रवेश वर्मा ने अपने जवाब में कहा- ‘कल मैंने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का ट्वीट देखा और आज मैंने दिल्ली आतिशी की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी। मैं देख रहा हूं कि उन्हें नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की चिंता है। मैं बताना चाहता हूं कि मेरे पिता ने 25 साल पहले राष्ट्रीय स्वाभिमान संस्था बनाई थी। हमने गुजरात में दो भूकंप के बाद दो गांवों का विकास किया, फिर हमने चक्रवात के बाद ओडिशा में 4 गांवों का विकास किया, उनका उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। हमने कारगिल युद्ध के शहीदों के परिवारों को 1-1 लाख रुपये दिए थे। मेरे पिता ने मुझे जरूरतमंदों की मदद करना सिखाया। महामारी के दौरान मैंने 500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिए और कई अन्य काम किए। पिछले 11 दिनों में मैं यहां महिलाओं की पीड़ा देख रहा हूं, जो अरविंद केजरीवाल ने 11 साल में नहीं देखी। वो परेशान थीं, मुझसे उनका दर्द नहीं देखा गया, फिर मैंने फैसला किया कि हम उन्हें 1100 रुपये प्रति महीना देंगे। कम से कम मैं शराब तो नहीं बांट रहा, जो अरविंद केजरीवाल कर रहे थे। मुझे खुशी है कि मैं लोगों की मदद कर रहा हूं।’
Updated 16:32 IST, December 25th 2024