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पब्लिश्ड 18:22 IST, January 11th 2025

दिल्ली में हर दशक बदलता है चुनावी मुद्दा, जानिए 1993 के पहले चुनाव से अब तक के रोचक तथ्य

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और विशेषताएं भारतीय राजनीति में इसकी अहमियत और विशेषता को दर्शाते हैं।

Reported by: Sagar Singh
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Delhi Election interesting facts
दिल्ली विधानसभा चुनाव के रोचक तथ्य | Image: ANI

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सभी प्रमुख राजनीतिक दल बड़े-बड़े दावे कर रही है। 26 साल से अधिक लंबे समय से सत्ता से बाहर चल रही भारतीय जनता पार्टी के पास इस बार सत्ता में आने का बड़ा मौका है। इसके लिए बीजेपी पूरी प्लानिंग के साथ आगे आ बढ़ रही है। BJP अपने नारे परिवर्तन और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के खिलाफ जोर-शोर से प्रचार कर रही है।

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। अगले 5 सालों के लिए दिल्ली में किस पार्टी की सत्ता होगी, ये 8 फरवरी को साफ हो जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और विशेषताएं भारतीय राजनीति में इसकी अहमियत और विशेषता को दर्शाते हैं।

दिल्ली की अनूठी स्थिति

दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। यह एक केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन इसके पास अपनी विधानसभा और सरकार है। यहां के मुख्यमंत्री के अधिकार सीमित हैं, क्योंकि कानून-व्यवस्था और भूमि पर नियंत्रण केंद्र सरकार के अधीन है।

पहला विधानसभा चुनाव (1993)

दिल्ली में विधानसभा चुनाव पहली बार साल 1993 में हुआ था। इसमें भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी और मदन लाल खुराना पहले मुख्यमंत्री बने। BJP दिल्ली की सत्ता में आखिरी बार 2 दिसंबर, 1993 से 3 दिसंबर, 1998 तक रही। इस दौरान 3 मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज रहे।

कांग्रेस का स्वर्णिम युग (1998-2013)

शीला दीक्षित ने 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। दिल्ली के विकास में उनका विशेष योगदान रहा। यह कांग्रेस के लिए सबसे स्थिर और सफल दौर माना जाता है।

AAP की ऐतिहासिक जीत (2015)

अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन के दौरान प्रमुखता से उभरे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2015 में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। कुल 70 सीटों में से 67 सीटें जीतकर AAP ने रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद BJP और कांग्रेस लगभग हाशिए पर चली गईं।

सबसे कम और सबसे अधिक  मतदान

  • सबसे कम मतदान: 1993 में 61% मतदान हुआ
  • सबसे अधिक मतदान: 2015 में 67.1% मतदान हुआ
  • महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है

बिजली, पानी और मोहल्ला क्लिनिक का मुद्दा

दिल्ली के चुनावों में बुनियादी सेवाएं जैसे बिजली, पानी, शिक्षा, और स्वास्थ्य प्राथमिक मुद्दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने इन मुद्दों पर फोकस करके बड़े पैमाने पर समर्थन प्राप्त किया। इसे के दम पर फिर से सत्ता में आने का दावा कर रही है.

सबसे अधिक और सबसे कम मतदाता

दिल्ली में विकासपुरी ऐसा विधानसभा क्षेत्र हैं जहां मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और दिल्ली कैंट में सबसे कम मतदाता हैं।

चुनावी मुकाबले में 'फ्री की राजनीति'

दिल्ली चुनावों में फ्री बिजली, फ्री पानी, और फ्री बस सेवा जैसे वादों का बड़ा प्रभाव रहा है। इसे लेकर कई बार राजनीतिक पार्टियों में तीखी बहस भी हुई है। AAP वर्तमान में कई 200 यूनिट फ्री बिजली समेत कई योजनाएं चला रही है।

दिल्ली के युवा मतदाता

दिल्ली में युवा मतदाताओं (18-25 आयु वर्ग) का चुनाव परिणाम पर खासा असर पड़ता है। इनकी प्राथमिकताएं अक्सर पारंपरिक मुद्दों से अलग होती हैं। दिल्ली में 18 से 19 की उम्र के 2,08,302 और 20 से 29 साल 25,89,780 वोटर हैं।

रोचक चुनावी प्रचार

दिल्ली चुनावों में राजनीतिक पार्टियों द्वारा प्रचार के अनूठे तरीके अपनाए जाते हैं, जैसे-

  • AAP का झाड़ू अभियान 
  • बीजेपी का कमल विजन
  • कांग्रेस की विकास की विरासत

EVM और VVPAT का उपयोग

दिल्ली के चुनाव में पहली बार 2020 के चुनावों में पूरी तरह से VVPAT के साथ EVM का उपयोग किया गया, जिससे पारदर्शिता बढ़ी।

राजनीतिक पार्टियों का उदय और पतन

बीजेपी, कांग्रेस, और AAP ने अलग-अलग समय पर दिल्ली में प्रभाव डाला है। क्षेत्रीय दलों का प्रभाव यहां ना मात्र रहा है।

'सबसे बड़ा मुद्दा' बदलता रहा है

हर चुनाव में जनता की प्राथमिकताएं बदली रही हैं।

  • 1990 का दशक: कानून-व्यवस्था और विकास
  • 2000 का दशक: आधारभूत सुविधाएं और सीलिंग का मुद्दा
  • 2010 का दशक: भ्रष्टाचार और पारदर्शिता
  • 2020 का दशक: शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण

दिल्ली का चुनाव देशभर के लिए एक ट्रेंडसेटर बन गया है। यह न केवल स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित होता है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में इसकी बड़ी भूमिका होती है। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 फरवरी को चुनाव होगा और चुनाव परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। तीन प्रमुख दलों, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवारों के बीच हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। 

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अपडेटेड 18:22 IST, January 11th 2025