पब्लिश्ड 14:59 IST, January 7th 2025
Delhi Assembly Elections: EVM और वोटर लिस्ट पर बेबुनियाद आरोपों से आहत दिखे CEC राजीव कुमार, कहा- झूठ के गुब्बारे नहीं उड़ाएं
राजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने यह सभी की साझा विरासत है। हमने चुनाव कराकर लोकतंत्र में अगर बीज बोया है तो राजनीतिक दलों ने इसमें खाद डाला है।
Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर आज (7 जनवरी) को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान EVM और वोटर लिस्ट को लेकर लग रहे आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जवाब देते नजर आए। उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। CEC राजीव कुमार ने इस दौरान एक शायरी भी सुनाई।
राजीव कुमार ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि झूठ के गुब्बारे नहीं उड़ाएं। उन्होंने कहा कि यह सभी की साझा विरासत है। हमने चुनाव कराकर लोकतंत्र में अगर बीज बोया है तो राजनीतिक दलों ने इसमें खाद डाला है।
'शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं…'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में CEC राजीव कुमार ने शायराना अंदाज में चुनाव में धांधली के आरोप न लगाने की अपील की।
आरोप और इल्जामात का दौर चले, कोई गिला नहीं,
झूठ के गुब्बारों को सहारा मिलें, कोई शिकवा नहीं,
हर नतीजे में प्रमाण दिया गया है,
पर वोना सबूत शक की नई दुनिया खोजते हैं
और शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं!
EVM में खामी का कोई सबूत नहीं- CEC
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "EVM में अविश्वसनीयता या किसी तरह की खामी का कोई सबूत नहीं है। ईवीएम में वायरस या बग आने का कोई सवाल ही नहीं है। ईवीएम में अवैध वोट होने का कोई सवाल ही नहीं है। कोई धांधली संभव नहीं है। उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय अलग-अलग फैसलों में लगातार यही कह रहे हैं। EVM मतगणना के लिए फुलप्रूफ डिवाइस है। टेम्परिंग के आरोप निराधार हैं।"
मतदाता सूचियों को लेकर चल रही कहानियां- राजीव कुमार
वहीं वोटर लिस्ट से नाम काटने के आरोप पर राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "कुछ प्रकार की चिंताएं (राजनीतिक दलों द्वारा) उठाई गई थीं। कहा गया कि मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़े और हटाए गए हैं। यह भी कहा गया कि कुछ समूहों को निशाना बनाया जा रहा है और उनके नाम हटाए जा रहे हैं। ईवीएम के बारे में जवाब देने के बाद भी यह कहा गया कि EVM में हेरफेर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय मतदाता बेहद जागरूक हैं। मतदाता सूचियों को लेकर अब भी कहानियां चल रही हैं। करीब 70 चरण हैं, जिसमें राजनीतिक दल और उम्मीदवार हमारे साथ रहते हैं। जितने भी दावे और आपत्तियां आती हैं। उन्हें सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है। फॉर्म 7 के बिना नाम नहीं हटाया जा सकता।
अपडेटेड 14:59 IST, January 7th 2025