पब्लिश्ड 22:56 IST, January 17th 2025
भारत की आक्रामक और रक्षात्मक प्रतिक्रिया को मजबूत करने की जरूरत: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था में उथल-पुथल के मद्देनजर भारत की आक्रामक और रक्षात्मक प्रतिक्रियाओं को और मजबूत करने की जरूरत है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था में उथल-पुथल के मद्देनजर भारत की आक्रामक और रक्षात्मक प्रतिक्रियाओं को और मजबूत करने की जरूरत है।
उन्होंने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों में चिंता पैदा हो गई है।
सिंह ने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय जल की रक्षा करना और समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है। वह 2024 को नौसेना नागरिक वर्ष के रूप में मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
अपने संबोधन में सिंह ने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में हो रही उथल-पुथल के मद्देनजर भारत की आक्रामक और रक्षात्मक प्रतिक्रियाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
रक्षा मंत्री ने तनावपूर्ण भू-राजनीतिक सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर सशस्त्र बलों के लिए बढ़ती जटिलताओं को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम रक्षा और सुरक्षा के नजरिए से पूरे दशक का आकलन करें तो हम कह सकते हैं कि यह एक उतार-चढ़ाव भरा दशक रहा है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और युद्ध देख रहे हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए, हमें अपनी सुरक्षा के लिए योजना, संसाधन और बजट की आवश्यकता है।’’
सिंह ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी हितधारकों से सुझाव लेने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सशस्त्र बलों को बदलते समय के अनुसार सुसज्जित और तैयार रहना चाहिए।’’
सिंह ने कहा कि प्रमुख नौसैनिक शक्तियों ने हाल के वर्षों में हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति कम कर दी है, जबकि भारतीय नौसेना ने इसे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अदन की खाड़ी, लाल सागर और पूर्वी अफ्रीकी देशों से लगे समुद्री क्षेत्रों में खतरे बढ़ने की संभावना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी उपस्थिति को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।’’
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अपडेटेड 22:56 IST, January 17th 2025