पब्लिश्ड 13:18 IST, January 15th 2025
'उस पर रहम मत करना...' पाकिस्तान में फंसा था बेटा, देश के पहले सेनाध्यक्ष ने दिया ऐसा जवाब, इस्लामाबाद में मच गई थी खलबली
अय्यूब खान ने भी कभी के एम करियप्पा के अंडर में काम किया था। अपने पूर्व गुरू को जब अय्यूब खान ने फोन किया और बताया कि उनका बेटा युद्ध बंदी बना लिया गया है।
Indian Army Day 2025: 25 जनवरी को देश के सैन्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। कम लोगों को मालूम होगा कि 25 जनवरी ही वो दिन था जब पहली बार देश की सेना को भारतीय अध्यक्ष मिला था। इसके पहले देश के सभी सेनाध्यक्ष अंग्रेज हुआ करते थे। जनरल कोडंडेरा एम. करियप्पा (K.M.Cariappa) ने 15 जनवरी 1949 को आजाद भारत के पहले थल सेनाध्यक्ष का पद संभाला था। इसके पहले भारतीय सेना की कमान General Sir Francis Robert Roy Bucher के हाथों में थी। उसके बाद से पूरा देश इस दिन को राष्ट्रीय सैन्य दिवस के रूप में मनाता है।
जनरल कोडंडेरा एम करियप्पा ने अपने करियर में कभी भारतीय सेना के शौर्य को झुकने नहीं दिया। आज हम आपको उनकी ऐसी ही बहादुरी का वो किस्सा सुनाने जा रहे हैं जिसको सुनकर आप भी उनकी हैरत में पड़ जाएंगे। ये मामला 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध का है जब जनरल एम करियप्पा का बेटा युद्ध के दौरान पाकिस्तानी ऑर्मी के कब्जे में फंस गया था। अगर वो चाहते तो उसे पाक ऑर्मी से छुड़ा भी सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था। इस मामले में उन्होंने एक पिता के तौर पर नहीं बल्कि देश के रिटायर्ड ऑर्मी मैन के तौर पर दिल जीत लेने वाला फैसला लिया था।
1965 की जंग में पाक ने बेटे को बनाया था युद्धबंदी
दरअसल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में के एम करियप्पा के बेटे केसी करियप्पा ने भी अपने सेवाएं दी थी। इस युद्ध में एयर मार्शल केसी करियप्पा ने असीम शौर्य का प्रदर्शन करते हुए इंडियन एयर फोर्स का हंटर एयरक्राफ्ट लेकर पाकिस्तानी सरहद में घुस गए थे और दुश्मनों पर ताबड़तोड़ हमले किए। इस बीच पाकिस्तानी फौज ने उनके एयरक्रॉफ्ट को ढेर कर दिया लेकिन वो जिंदा बच गए और युद्ध में बंदी बना लिए गए। हालांकि इस समय तक केएम करियप्पा ऑर्मी से रिटायर हो चुके थे।
जनरल अय्यूब खान ने करियप्पा को किया फोन तो दिया दिल जीत लेने वाला जवाब
भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अय्यूब खान ने केएम करियप्पा के बेटे के युद्ध बंदी बनाए जाने के बाद उन्हें फोन किया और बताया कि उनका बेटा इस समय उनकी कैद में है। आपको बता दें कि अय्यूब खान ने भी कभी के एम करियप्पा के अंडर में काम किया था। अपने पूर्व गुरू को जब अय्यूब खान ने फोन किया और बताया कि उनका बेटा युद्ध बंदी बना लिया गया है। वो बिलकुल ठीक है और जल्दी ही हम उसे रिहा कर देंगे, तो के एम करियप्पा इससे जरा भी विचलित नहीं हुए और उन्होंने बहादुरी पूर्वक जवाब देते हुए कहा था, 'मेरा बेटा सिर्फ मेरा बेटा नहीं है, अब वो देश का बेटा है और वो अपने देश की रक्षा के लिए लड़ रहा है। अब तक आपने जो उसके लिए अभी तक किया है उसके लिए शुक्रिया लेकिन आप उस पर खास रहम मत कीजिए, जब बाकी युद्ध बंधियों को रिहा किया जाए तभी उसे भी रिहा कर दीजिएगा।'
अपडेटेड 13:18 IST, January 15th 2025