Published 12:08 IST, June 7th 2024
RBI ने रेपो रेट को फिर रखा 6.5 प्रतिशत पर बरकरार, जानिए द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की मुख्य बातें
Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को घोषित द्विमासिक मौद्रिक नीति में कई सारी मुख्य बातें कही गई हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक | Image:
RBI
Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार आठवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। महंगाई को टिकाऊ स्तर यानी चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की शुक्रवार को जानकारी दी।
वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को घोषित द्विमासिक मौद्रिक नीति की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- प्रमुख नीतिगत दर (रेपो) 6.5 प्रतिशत पर यथावत।
- रेपो दर में पिछली बार फरवरी 2023 में बढ़ोतरी की गई थी।
- मुद्रास्फीति को कम करने के लिए उदार मौद्रिक नीति रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत किया गया।
- वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार।
- खाद्य मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय।
- वित्त वर्ष 2024-25 के लिए चालू खाते का घाटा यानी कैड टिकाऊ स्तर के भीतर रहने की उम्मीद।
- 31 मई, 2024 तक विदेशी मुद्रा भंडार 651.5 अरब अमेरिकी डॉलर के नए उच्चस्तर पर पहुंचा।
- थोक जमा सीमा दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये की गई।
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत निर्यात और आयात नियमों को तर्कसंगत बनाया जाएगा।
- आरबीआई भुगतान धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने को डिजिटल भुगतान ‘इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म’ स्थापित करेगा।
- फास्टैग, एनसीएमसी और यूपीआई-लाइट वॉलेट को ई-मैंडेट के तहत लाने का प्रस्ताव।
- अगली मौद्रिक नीति घोषणा आठ अगस्त को।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 12:08 IST, June 7th 2024