Published 11:04 IST, August 1st 2024
जो जहर से भी नहीं मरा, वो खालिद मेशाल बनेगा हमास चीफ? जानिए सुसाइड बॉम्बिंग के मास्टर की कुंडली
मेशाल 1997 में दुनिया भर में तब चर्चित हुआ, जब इजरायली एजेंटों ने जॉर्डन की राजधानी अम्मान में उसके ऑफिस के बाहर एक सड़क पर उनकी हत्या का असफल प्रयास किया।
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Khaled Mashaal: इजरायल ने हमास चीफ इस्माइल हानिया को ईरान की राजधानी तेहरान में ढेर कर दिया। इस हमले के बाद से पूरे मिडिल ईस्ट में हाहाकार मचा हुआ है। इजरायल को धमकियां मिल रही हैं। हमास ने हनिया की मौत को हत्या करार देते हुए बदले की बात कही है।
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि अभी तक इस हमले को लेकर सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन इसकी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि इजरायल ने एक एयर स्ट्राइक के जरिए इसे मारा है। जानकारी मिल रही है हानिया की मौत के बाद हमास खालिद मेशाल को नया नेता चुन सकता है।
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इजरायल का जहर भी मेशाल को नहीं दे पाई मौत
मेशाल 1997 में दुनिया भर में तब चर्चित हुआ, जब इजरायली एजेंटों ने जॉर्डन की राजधानी अम्मान में उसके ऑफिस के बाहर एक सड़क पर उनकी हत्या का असफल प्रयास किया। उसे जहर का इंजेक्शन दिया गया था। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आदेश पर यह हमला किया गया था। इससे जॉर्डन और इजरायल के बीच राजनयिक संकट पैदा हो गया था।
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फिलिस्तीनी समर्थकों के लिए मेशाल इजरायली कब्जे से मुक्ति के लिए लड़ने वाला नेता है। वह उनके लिए अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के विफल होने पर भी अपने उद्देश्य को जीवित रखने वाला व्यक्ति है। मेशाल को जानलेवा हमले की कोशिश से एक साल पहले हमास में पद दिया गया था। इसके बाद उसने विदेशों की सरकारों के साथ बैठकों में फिलिस्तीनी इस्लामवादी समूह का प्रतिनिधित्व किया।
खालिद मेशाल के बारे में विस्तार से जानिए
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- मेशाल का जन्म 28 माई 1956 को वेस्ट बैंक में रामल्लाह के पास सिलवाड में हुआ था।
- 15 साल की उम्र में वह मिस्र के सुन्नी इस्लामवादी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड में शामिल हो गया, जो 1987 में हमास के गठन में सहायक रहा।
- 1992 में वह हमास के पोलित ब्यूरो का संस्थापक सदस्य बन गया, जिसका उसने 1996 और 2017 के बीच नेतृत्व किया।
- अपने कार्यकाल के खत्म होने के बाद उसने पद छोड़ दिया और इस्माइल हनिया का उत्तराधिकारी बना।
- मेशाल (68) ने ज्यादातर काम निर्वासन से किया है। 2004 से 2012 तक उसने सीरिया की राजधानी दमिश्क से हमास को चला और अब कतर और मिस्र दोनों जगह पर रहता है।
सुसाइड बॉम्बिंग में मास्टर है खालिद मेशाल
खालिद मेशाल को सुसाइड बॉम्बिंग का मास्टर माना जाता है। हमास की स्थापना के बाद साल 1994 में हमास लड़कों ने सुसाइड बॉम्बिंग की शुरुआत की थी, इसके पीछे खालिद मेशाल का ही माइंड माना जाता है।
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11:04 IST, August 1st 2024