Published 23:37 IST, November 4th 2024
EXPLAINER/ US Election: गर्भपात, युद्ध से महंगाई तक... वो मुद्दे जिन पर ट्रंप-कमला हैरिस के बीच हुई तीखी झड़प
अमेरिका में इसके पहले भी 13 राज्यों ने अलग-अलग एंटी-अबार्शन कानून बना रखे थे लेकिन ये सफेद हाथी की तरह था।
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Big Issues in US Presidential Election: मंगलवार (5 नवंबर) को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (President Election) होने जा रहे हैं। इस चुनाव को लेकर पूरे अमेरिका में कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो छाए हुए हैं। इनमें से कुछ मुद्दों पर डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस की अलग-अलग वादे हैं जो उन्होंने अमेरिकी जनता से किए हैं। चुनाव शुरू होने में अब कुछ ही घंटे बाकी हैं। इस चुनाव में डेमोक्रेट्स की कमला हैरिस को रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। इस चुनाव में गर्भपात, युद्ध से लेकर महंगाई तक कई बड़े मुद्दे हैं जिस पर दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों अपने-अपने दावे किए हैं।
इस बार का अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव वैसे तो कई मुद्दों पर लड़ा जा रहा है लेकिन उसमें से भी कुछ खास मुद्दे हैं जिसपर अमेरिकी जनता के अलावा विश्व के अन्य देशों के भी नजरें बनी रहेंगी। इसमें से अमेरिकी जनता के लिए सबसे बड़ा मुद्दा गर्भपात का मुद्दा होगा। जून 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने लगभग 5 दशकों से पुराने गर्भपात को मंजूरी देने वाले फैसले को पलट दिया था। अमेरिका में इसके पहले भी 13 राज्यों ने अलग-अलग एंटी-अबार्शन कानून बना रखे थे लेकिन ये सफेद हाथी की तरह था। इसके पहले भी 13 राज्यों ने अपने यहां एंटी-अबॉर्शन कानून बना रखे थे दिखावे के लिए तो बना रखे थे लेकिन ये उतने प्रभावी नहीं थे। ऐसे में जब महिलाओं को मुश्किल होती थी तो वो दूसरे राज्यों में जाकर गर्भपात करवा लेती थीं। आइए आपको बताते हैं अमेरिकी चुनाव के बड़े मुद्दे क्या हैं।
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अमेरिकी चुनाव में गर्भपात का मुद्दा
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जून 2022 में 5 दशक पुराने गर्भपात को मंजूरी देने वाले फैसले को पलट दिया था। इसके साथ ही अमेरिका के सभी राज्यों को ये ताकत मिल गई थी कि वो अपने-अपने राज्यों में गर्भपात के नियम बना लें। इससे कुछ राज्यों ने बहुत सख्ती बरतते हुए अपने यहां गर्भपात को बैन कर दिया। वहीं कुछ राज्यों में गर्भपात वैलिड है। हद तो यहां तक हो गई कि कई राज्यों में तो किसी महिला या लड़की के साथ रेप होने के बाद भी गर्भपात की इजाजत नहीं मिली। इस बार के अमेरिकी चुनाव में ये सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गर्भपात का समर्थन नहीं करते हैं। यही वजह है कि अमेरिका कई राज्य जहां पर रिपब्लिकन पार्टी का शासन है वहां पर गर्भपात को लेकर सख्त कानून देखने को मिले हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो यहां तक कहते हैं कि उनके कार्यकाल में गर्भपात के खिलाफ हुए फैसले उनकी ओर से देश के प्रति सबसे बड़ी सेवा रही। अमेरिकी राजनीति के जानकारों की माने तो अगर अमेरिका में ट्रंप का शासन आता है तो गर्भपात को लेकर वहां पर और भी सख्त नियम आ सकते हैं।
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वहीं अगर बात डेमोक्रेट पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस की करें तो वो बीते कई सालों से गर्भपात की समर्थक रही हैं, वे इसे महिलाओं का जन्मसिद्ध अधिकार मानती हैं। कमला हैरिस ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर वो राष्ट्रपति बनीं तो सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को भी पलट देंगी जो अभी हाल में गर्भपात को लेकर दिया गया है। इसके साथ ही कमला नेरेटिव सेट कर रही हैं कि ट्रंप तो पूरे देश में गर्भपात पर बैन लगाना चाहते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में गाजा युद्ध बड़ा मुद्दा
अक्टूबर 2023 को गाजा पट्टी से हमास के आतंकियों ने एकसाथ 5 हजार मिसाइलों से इजरायल पर हमला बोल दिया था तब से इजरायल हमास, हिजबुल्ला सहित गाजा पट्टी इलाके में आतंकी संगठनों के सफाई अभियान में जुट गया है। इस युद्ध को एक साल से भी अधिक समय हो चुका है। इस युद्ध में सिर्फ गाजा पट्टी पर ही 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर भी अमेरिकी चुनाव में भी जमकर राजनीति देखने को मिली है। पूरी दुनिया इस समय अमेरिका के रुख को लेकर अलग-अलग धड़ो में बंट चुकी है। इस्लामिक देशों की मानें तो अमेरिका इस समय इजरायल का बचाव कर रहा है। वहीं कुछ देशों का मानना है कि अमेरिका युद्ध रोक पाने में असफल रहा है।
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गाजा पट्टी पर चल रहे हमास और इजरायल युद्ध की बात पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया है। ट्रंप ने इस युद्ध को लेकर यहां तक बोल दिया है कि अगर वो राष्ट्रपति रहे होते तो हमास वाला हमला इजरायल पर कभी नहीं हो सकता था। इस साल जुलाई में ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात की थी, तब उन्होंने कहा था कि वे अपनी जीत सुनिश्चित करें।
वहीं डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस की बात करें तो वो भी युद्ध रोकने की बात करती हैं। कमला हैरिस गाजा पट्टी में मारे जा रहे बच्चों को मानवता के खिलाफ बता रही हैं, लेकिन एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने भी इजरायल का समर्थन किया है। युद्ध रोकने की बात तो कमला हैरिस ने भी की थी लेकिन कैसे युद्ध रोका जाए इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में महंगाई का मुद्दा
अमेरिकी चुनाव में इस समय महंगाई भी बड़े मुद्दों में से एक हैं। हालांकि अमेरिका में पिछले कुछ महीनों के दौरान महंगाई पर काफी काबू पाया गया है लेकिन अमेरिकी जनता अभी भी महंगाई को लेकर परेशान है और वो आने वाले समय में महंगाई को लेकर अभी आश्वस्त नहीं हो पा रहे हैं। अमेरिका में इस समय महंगाई का मुद्दा असल से ज्यादा नेरेटिव के आधार पर बना हुआ है। यह नेरेटिव ही कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप दोनों के लिए मायने रखता है क्योंकि इसके आधार पर ही अमेरिका में सियासत की जा रही है।
महंगाई को लेकर एक ओर जहां पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात का दावा कर रहे हैं कि वो अगर सत्ता में आए तो टैक्स में कटौती करेंगे, कॉरपोरेट टैक्स कम करेंगे तो वहीं दूसरी तरफ डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस अमेरिका के अमीर उद्योगपतियों पर और ज्यादा टैक्स लगाने की बात कर रही हैं। कमला हैरिस का मानना है कि मार्केट में समानता आना जरूरी है। व्यापारिक नियमों का पालन सभी को करना जरूरी है।
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23:37 IST, November 4th 2024