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Published 22:26 IST, September 25th 2024

EXPLAINER/ इजरायल से जंग के बीच खतरे में डोनाल्ड ट्रंप की जान, ईरान रच रहा हत्या की साजिश? ये हो सकती है वजह

अमेरिका के खुफिया विभाग ने खुलासा किया है कि राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जान को ईरान से खतरा है। आइए जानते हैं कि आखिर इसके पीछे क्या वजह हो सकती है।

डोनाल्ड ट्रंप की हत्या क्यों करवाना चाहता है ईरान? | Image: AP

Donald Trump News: मिडिल ईस्ट में इस वक्त इजरायल हिजबुल्लाह, हमास और हूति के खिलाफ जंग लड़ रहा है। हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से ईरान भी इजरायल पर हमले कर रहा है। हालांकि, इजरायल के साथ जंग के बीच ईरान के निशाने पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी जारी की है कि ईरान उनकी हत्या करवाना चाहता है। इसे लेकर ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया भी जाहिर की है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पोस्ट शेयर कर लिखा, ईरान से मेरी जान को बहुत बड़ा खतरा है। पूरी अमेरिकी सेना देख रही है और इंतजार कर रही है। ईरान ने पहले भी कई चालें चली हैं, जो कामयाब नहीं रहीं, लेकिन वे फिर से कोशिश करेंगे। किसी के लिए भी यह अच्छी स्थिति नहीं है। मैं पहले से कहीं ज्यादा लोगों, बंदूकों और हथियारों से घिरा हुआ हूं। सीक्रेट सर्विस को कहीं ज्यादा पैसे देने के लिए कांग्रेस को धन्यवाद - जीरो "नो" वोट, पूरी तरह से द्विदलीय।"

उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स को किसी बात पर एक साथ आते देखना अच्छा लगा। पूर्व राष्ट्रपति पर हमला हमलावर के लिए मौत की कामना है!

ट्रंप की हत्या क्यों करना चाहता है ईरान?

ईरान इस वक्त जाहिर तौर पर इजरायल के साथ युद्ध में उलझा हुआ है। चूंकि अमेरिका ने कभी इस बात का समर्थन नहीं किया है कि वो इस जंग में इजरायल के साथ है, लेकिन लगातार ये कहा जा रहा है कि अमेरिका इजरायल की मदद कर रहा है। बता दें, अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहा है। चुनावी कैंपेन के दौरान अमेरिका में ट्रंप पर दो बार जानलेवा हमला हो चुका है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर ईरान क्यों पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को मारना चाहता है।

ट्रंप ने ही ईरान के साथ खत्म की थी न्यूक्लियर डील

ट्रंप की हत्या की एक वजह ये बताई जा रही है कि ईरान अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले आराजकता का माहौल बनाना चाहता है, जिससे कि चुनावी माहौल खराब किया जा सके। हत्या की साजिश के पीछे की एक वजह ये भी बताई जा रही है कि चूंकि पूरे कैंपेन में ट्रंप ने खुले तौर पर इजरायल के समर्थन की बात कही है। इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात ये है कि ट्रंप ने ही ईरान के साथ न्यूक्लियर डील खत्म की थी।

ईरान के साथ किया व्यापार तो US का गेट होगा बंद: ट्रंप

2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को तबाह करने की धमकी भी दी थी। इसपर कासिम सुलेमानी ने कहा था कि अगर युद्ध ट्रंप ने शुरू किया है, तो खत्म हम करेंगे। ईरान के साथ ट्रेड करने वालों को ट्रंप ने खुली चेतावनी देते हुए कहा था, "ईरान के साथ व्यापार करने वाला कोई भी व्यक्ति अमेरिका के साथ व्यापार नहीं करेगा। मैं विश्व शांति की मांग कर रहा हूं, इससे कम कुछ नहीं!"

कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेगा ईरान?

3 जनवरी, 2020 को कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच दुश्मनी और गहरी हो गई। ईरान ने सुलेमानी की हत्या का आरोप अमेरिका पर लगाया। इसके साथ ही अमेरिका से इसका बदला लेने की धमकी भी दी थी। बता दें, उस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे। उनके ही आदेश पर अमेरिकी सेना ने CIA के साथ मिलकर ईरानी स्पेशल फोर्स के चीफ जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था।

सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान ने US पर दागी थी मिसाइलें

सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर 7 और 8 जनवरी 2020 को कई हमले किए। ईरान ने अमेरिकी सैन्य बेसों पर 22 मिसाइलें भी दागी थी। हमले के बाद ईरान ने दावा किया था कि हमले में अमेरिका के 80 सैनिक मारे गए।

ईरान अमेरिकी चुनाव पर पैनी निगाह लगाए बैठा है। आर्थिक संकट से जूझ रहे ईरान को इस वक्त अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों में रियायत की सख्त जरूरत है। ऐसे में अगर ट्रंप इस चुनाव के बाद फिर से सत्ता में वापसी करते हैं, तो ये ईरान के लिए नुकसान की बात होगी।

इजरायल से युद्ध के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर ने अमेरिका को घेरा

इन सबके बीच ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने लेबनान में हो रहे हमलों को लेकर अमेरिका पर निशाना साधते हुए ने कहा, "लेबनान और फिलिस्तीन के बीच इस समय जो लड़ाई चल रही है, उसमें काफिर और दुष्ट दुश्मन सबसे बेहतरीन संसाधनों से लैस है और उसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है।"

US पर निशाना साधते हुए अयातुल्ला ने कहा, "अमेरिकी दावा करते हैं: हम इसमें शामिल नहीं हैं। हमें इन चीजों के बारे में पता नहीं है। वे झूठ बोल रहे हैं! वे जागरूक भी हैं और शामिल भी हैं। अमेरिका को जायोनी शासन की जीत की जरूरत है।"

अमेरिका को मुसलमानों के वोट की है जरूरत: अयातुल्ला अली खामेनेई

अमेरिका में आगामी चुनाव को लेकर उन्होंने कहा, "आगामी चुनावों के कारण, वर्तमान अमेरिकी प्रशासन को यह दिखाने की जरूरत है कि यह वही है जिसने जायोनी शासन को जीत हासिल करने में मदद की है। लेकिन उन्हें मुसलमानों के वोट भी चाहिए, इसलिए वे दिखावा करते हैं कि वे इसमें शामिल नहीं हैं।" जारी हमलों के बीच पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान के लोगों से अपील की है।

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Updated 22:26 IST, September 25th 2024

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