Published 17:38 IST, July 24th 2024
EXPLAINER/ क्या कमला हैरिस को खुला समर्थन देकर गलती कर गए बाइडेन? जानिए ओबामा ने क्यों साध ली चुप्पी
US News: जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस से खुद को अलग करने के साथ ही कमला हैरिस को अपना खुला समर्थन दिया है।
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New Delhi: जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस से खुद को अलग करने के साथ ही कमला हैरिस को अपना खुला समर्थन दिया है। इस मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी बाइडेन के इस फैसले को लेकर एक लंबा पोस्ट लिखा। इस पोस्ट में उन्होंने बाइडेन को लेकर तो बहुत कुछ लिखा, लेकिन हैरिस के नाम की चर्चा भी नहीं की।
ऐसे में सवाल उठने लगे कि ओबामा ने राष्ट्रपति पद के लिए हैरिस के नाम पर अपना खुला समर्थन क्यों नहीं दिया? आइए इसे समझते हैं।
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क्या कमला हैरिस को खुला समर्थन देकर गलती कर गए बाइडेन?
बराक ओबामा की चुप्पी को लेकर ये सवाल हर किसी के मन में है। क्या कमला हैरिस को खुला समर्थन देकर बाइडेन कोई गलती कर गए? रिपब्लिकन इसे उपेक्षा के रूप में परिभाषित कर रहे हैं, जबकि ओबामा के करीबी सहयोगियों का दावा है कि वह चाहते हैं कि एक लोकतांत्रिक नामांकन प्रक्रिया का पालन किया जाए ताकि कमला को किसी पक्षपात का बोझ न उठाना पड़े।
अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओबामा पार्टी के अंदर की साजिशों से ऊपर एक निष्पक्ष राजनेता हैं। उनकी चुप्पी को किसी और तरह से समझने की जरूरत नहीं है और न ही उनके मन में कोई वैकल्पिक उम्मीदवार है। रिपोर्ट्स की मानें तो जब बाइडेन की उम्मीदवारी की बारी आई थी, तो ओबामा ने उनके नाम का भी खुला समर्थन नहीं किया था। उनके लिए शुरुआत में ही खुला समर्थन दे देना एक राजनीतिक गलती है और यह आलोचना को बढ़ावा दे सकता है कि हैरिस का नामांकन जल्दबाजी की स्थिति में सर्वसम्मति के बजाय एक राज्याभिषेक था।
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ओबामा ने अपने स्टेटमेंट में क्या लिखा?
सोलह साल पहले जब मैंने उपराष्ट्रपति के लिए अपनी खोज शुरू की, तो मुझे पब्लिक सर्विस में बाइडेन के उल्लेखनीय करियर के बारे में पता चला। लेकिन जिस चीज की मैं और भी अधिक प्रशंसा करने लगा वह था उनका चरित्र, उनकी गहरी सहानुभूति और कड़ी मेहनत से अर्जित लचीलापन, उनकी मौलिक शालीनता और यह विश्वास कि हर कोई मायने रखता है।
ओबामा ने लिखा- 'जो बाइडेन अमेरिका के सबसे प्रभावशाली राष्ट्रपतियों में से एक रहे हैं, साथ ही मेरे लिए एक प्रिय मित्र और भागीदार भी रहे हैं। आज, हमें फिर से याद दिलाया गया है कि वह सर्वोच्च कोटि के देशभक्त हैं।'
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17:10 IST, July 24th 2024