Download the all-new Republic app:

Published 18:58 IST, October 10th 2024

PM मोदी ने रामायण का लाओ संस्करण देखा, बौद्ध भिक्षुओं का आशीर्वाद लिया

PM मोदी ने रामायण के लाओ संस्करण की ‘मनमोहक प्रस्तुति’ देखी, जो भारत और लाओस के बीच साझा विरासत एवं सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है।

Follow: Google News Icon
×

Share


PM Modi takes blessings of Buddhist monks | Image: X- @narendramodi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को रामायण के लाओ संस्करण की ‘मनमोहक प्रस्तुति’ देखी, जो भारत और लाओस के बीच साझा विरासत एवं सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस की राजधानी में हैं। विएंतियान पहुंचने के बाद उन्होंने लाओ रामायण ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ की एक कड़ी का मंचन देखा, जिसे प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर ऑफ लुआंग प्रबांग के कलाकारों ने प्रस्तुत किया।

PM मोदी ने लाओ रामायण की मनमोहक प्रस्तुति देखी

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाओ रामायण की मनमोहक प्रस्तुति देखी, जिसे ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ के नाम से जाना जाता है। रामायण की यह अनूठी प्रस्तुति भारत और लाओ पीडीआर के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों और साझा विरासत को दर्शाती है।”

‘फ्रलकफ्रराम डॉट कॉम’ के मुताबिक, लाओ रामायण मूल भारतीय संस्करण से अलग है। बौद्ध समूहों के माध्यम से यह 16वीं शताब्दी के आसपास लाओस पहुंचा था।

मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “विजय दशमी कुछ दिन दूर है और आज लाओ पीडीआर में मैंने लाओ रामायण का एक भाग देखा, जिसमें रावण पर प्रभु श्रीराम की जीत पर प्रकाश डाला गया है। यह देखकर खुशी होती है कि यहां के लोग रामायण से जुड़े हुए हैं। प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद सदैव हम पर बना रहे!”

पीएम मोदी ने ‘फ्रलक फ्रराम’ की झलकियां साझा कीं

प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ‘फलक फालम’ या ‘फ्रलक फ्रराम’ की उस कड़ी की कुछ झलकियां भी साझा कीं, जो उन्होंने लाओ पीडीआर में देखी।

इस मौके पर लाओ पीडीआर के गृह मंत्री, शिक्षा एवं खेल मंत्री, बैंक ऑफ लाओ पीडीआर के गवर्नर और विएंतियान के मेयर सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “साझा विरासत और परंपरा दोनों देशों को करीब ला रही है... यह प्रस्तुति भारत-लाओस के समृद्ध और साझा जुड़ाव का एक उत्कृष्ट प्रदर्शन थी।”

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लाओस में आज भी रामायण का मंचन किया जाता है और यह महाकाव्य दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है।

लाओस में सदियों से भारतीय संस्कृति का संरक्षण-  विदेश मंत्रालय

बयान के अनुसार, लाओस में सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपरा के विभिन्न पहलुओं का पालन एवं संरक्षण किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि दोनों देश अपनी साझा विरासत को रोशन करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

इससे पहले, मोदी ने लाओ पीडीआर के केंद्रीय बौद्ध फेलोशिप संगठन के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के आशीर्वाद समारोह में हिस्सा लिया, जो विएंतियान में सी साकेत मंदिर के प्रतिष्ठित मठाधीश महवेथ मसेनई की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था।

मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “लाओ पीडीआर में सम्मानित भिक्षुओं और आध्यात्मिक गुरुओं से मुलाकात हुई, जो भारतीयों द्वारा पाली को दिए जा रहे सम्मान को देखकर खुश थे। मैं उनके आशीर्वाद के लिए उनका आभारी हूं।”

विदेश मंत्रालय ने कहा कि साझा बौद्ध विरासत भारत और लाओस के बीच घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों के एक और पहलू का प्रतिनिधित्व करती है।

पीएम मोदी ने वट फू मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार पर आधारित प्रदर्शनी देखी

प्रधानमंत्री ने लाओस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वट फू मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार और संरक्षण कार्य पर आधारित प्रदर्शनी भी देखी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस में वट फू मंदिर और संबंधित स्मारकों के जीर्णोद्धार कार्य में जुटा हुआ है।

जायसवाल ने कहा, “वट फू : भारत-लाओस के बीच करीबी सभ्यतागत संबंधों और विरासत का प्रतीक है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल वट फू के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए असाधारण काम कर रहा है।”

मोदी ने कहा, “लगातार गहराता सांस्कृतिक जुड़ाव! भारत को वट फू परिसर सहित विभिन्न विरासत स्थलों के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार की दिशा में लाओ पीडीआर के साथ मिलकर काम करने पर गर्व है।

इसे भी पढ़ें: विश्व के कई हिस्सों में तनाव के बीच भारत-ASEAN की मित्रता जरूरी-PM मोदी

Updated 18:58 IST, October 10th 2024

Recommended

Live TV

Republic Bharat is Bharat's leading news channel.