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पब्लिश्ड 09:19 IST, September 5th 2024

परमाणु परीक्षण से पहले पाकिस्तान में क्यों फहराया गया भारतीय तिरंगा? पूरी रात मचा था कोहराम

1998 में परमाणु परीक्षण से पहले पाकिस्तान को अपना झंडा हटाकर भारतीय तिरंगा फहराना पड़ा था। पूरी रात पाकिस्तान में कोहराम मचा रहा था।

परमाणु परीक्षण से पहले पाकिस्तान में फहराया गया तिरंगा | Image: Special Arrangements

रिपब्लिक भारत की स्पेशल स्टोरी में आज बात करेंगे उस घटना की जब मुश्किल में फंसे पाकिस्तान (Pakistan) को भारतीय तिरंगा (Indian Flag) का सहारा लेना पड़ा था। 28 मई 1998, वो तारीख जब पाकिस्तान ने अपने पहले परमाणु बम का सफल परीक्षण किया था। लेकिन इससे 3 दिन पहले कुछ ऐसा हुआ जिससे लाहौर से लेकर इस्लामाबाद तक हड़कंप मच गई। आलम ये था कि पाकिस्तान को अपना झंडा हटाकर भारतीय तिरंगा फहराना पड़ा था। आखिर इसकी नौबत आई कैसे? आइए पूरी कहानी जानते हैं।

परमाणु परीक्षण से पहले हाईजैक

पाकिस्तान ने अपने पहले परमाणु परीक्षण (Pakistan Nuclear Test) के लिए बलूचिस्तान (Balochistan) के चगाई की पहाड़ियों को चुना। 28 मई 1998 को परमाणु बम के टेस्ट की तारीख मुकर्रर की गई जिसको लेकर तमाम तैयारियां गुपचुप तरीके से चल रही थी। लेकिन उससे ठीक 3 दिन पहले एक ऐसी चीज होती है जिससे पाकिस्तान में कोहराम मच गया।

25 मई 1998 की शाम PIA की फ्लाइट 544 बलूचिस्तान के शहर तुर्बत से उड़ान भरती है और फिर ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करती है। यहां तीन पैसेंजर विमान से उतरते हैं और एक पैसेंजर ऑन बोर्ड करता है। 20 मिनट तक रुकने के बाद ये फ्लाइट कराची के लिए टेक ऑफ करती है। इस विमान को शाम 6:55 पर कराची एयरपोर्ट पर लैंड करना था, लेकिन अभी ग्वादर एयरपोर्ट से टेक ऑफ हुए कुछ मिनट ही हुए थे कि एक पैसेंजर एयर हॉस्टेस को धक्का देकर कॉकपिट के अंदर घुस जाता है और पायलट के सामने पिस्टल निकालकर कहता है कि ये जहाज हाईजैक कर लिया गया है और इसे अब दिल्ली एयरपोर्ट ले चलो।

पाकिस्तानी एयरपोर्ट पर फहराया गया तिरंगा

विमान में मौजूद उसके दो और साथी उठते हैं और पैसेंजर को हथियार दिखाकर बोलते हैं कि ये फ्लाइट अब हाइजैक हो चुका है और किसी ने कुछ हरकत की तो पूरे जहाज को बम से उड़ा दिया जाएगा। इस बीच पायलट हाईजैकर्स से कहता है कि फ्लाइट छोटी है और दिल्ली एयरपोर्ट यहां से बहुत दूर है इसलिए फ्यूल की जरूरत पड़ेगी। फिर हाईजैकर्स उसे कहते हैं कि ठीक है विमान को पहले गुजरात के भुज हवाई अड्डे पर ले चलो।

PIA फ्लाइट 544 का पायलट इस बीच चालाकी दिखाते हुए विमान को ट्रांसपोंडर हाईजैक मोड में डाल देता है जिससे ATC तक ये खबर पहुंच जाती है कि इस फ्लाइट को हाईजैक कर लिया गया है। इसके बाद कैप्टन प्लेन को हवा में 2-3 बार घुमाकर पाकिस्तान में ही हैदराबाद की तरफ बढ़ता है, लेकिन हाईजैकर्स को लगता है कि विमान भुज एयरपोर्ट जा रहा है।

रात के अंधेरे में हाईजैकर्स इस बात से अनजान थे कि विमान भुज की तरफ नहीं बल्कि पाकिस्तान के ही हैदराबाद की दिशा में जा रहा है। इधर नीचे एयर ट्रैफिक कंट्रोल को पता है कि फ्लाइट हाईजैक है और कुछ देर में यहां लैंड होने वाली है, लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि हाईजैकर्स को ये भनक ना लगे कि वो भुज में नहीं बल्कि पाकिस्तान में ही है। इसके बाद आनन-फानन में हैदराबाद एयरपोर्ट का पूरा नक्शा ही बदल दिया गया जिससे हाईजैकर्स को लगे कि वो भारत में हैं। यहां तक की हवाई अड्डे के बोर्ड पर लगे पाकिस्तानी झंडे को हटाकर भारत का तिरंगा लगा दिया गया।

क्या थी हाईजैकर्स की मांग?

देर रात ये फ्लाइट पाकिस्तान के हैदराबाद एयरपोर्ट पर लैंड हुई। कुछ देर तक रनवे पर रुकने के बाद हाईजैकर्स ने एक ग्राउंड इंजीनियर स्टाफ को अपनी डिमांड के साथ बाहर भेजा। उनकी मांग थी कि हमें नई दिल्ली में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर से बात करनी है और बलूचिस्तान में होने वाले न्यूक्लियर परीक्षण को रोकना है क्योंकि इससे वहां का नेचुरल रिसोर्सेस को भारी नुकसान होगा।

भारतीय बनकर विमान में घुसे 3 पाक अधिकारी

उस विमान में 3 पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी भारतीय बनकर घुसते हैं और हाईजैकर्स से बोलते हैं कि हमनें आपकी डिमांड को पाक हाई कमिश्नर तक पहुंचा दिया है लेकिन हम ये मीटिंग यहीं करेंगे क्योंकी दिल्ली भारत की राजधानी है और वहां ऐसा करने की मंजूरी नहीं मिलेगी। पाक अधिकारियों ने इन हाईजैकर्स को पकड़ने के लिए कमांडो की मदद मांगी थी लेकिन उनके पहुंचने में समय लग रहा था। उनके लिए मुसीबत ये थी कि सुबह होते ही जब हाईजैकर्स आसपास का नजारा देखेंगे तो ये भेद खुल जाएगा कि ये विमान भुज में नहीं बल्कि पाकिस्तान के हैदराबाद में है।

इसके बाद इन 3 पुलिस अधिकारियों ने हाईजैकर्स को पकड़ने का रिस्क अपने कंधों पर लिया बातचीत के दौरान मौका देखते ही तीनों हाईजैकर्स को दबोच लिया। इस तरह फ्लाइट में मौजूद 26 पैसेंजर्स की जान बचाई गई और विमान कराची एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी।

बता दें कि इस घटना के 17 साल बाद 28 मई 2015 को, जी हां उसी तारीख को जब पाकिस्तान ने अपना न्यूक्लियर परीक्षण किया था इन तीनों आरोपियों को विमान हाईजैक करने के जुर्म में फांसी पर लटका दिया गया।

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अपडेटेड 09:19 IST, September 5th 2024

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