Kajal .

कब है Mauni Amavasya 2025? नोट करें डेट

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसे मौनी अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग मौन व्रत करके विष्णुजी की पूजा की जाती है।

Source: freepik

इतना ही नहीं इस दिन मौन व्रत करने के साथ-साथ स्नान-ध्यान किए जाने की परंपरा भी है। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन जो लोग पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। 
 

Source: freepik

ऐसे में अगर आप भी मौनी अमावस्या का व्रत करने जा रहे हैं तो आपको इसकी तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में जान लेना चाहिए।
 

Source: freepik

पंचांग के अनुसार, माघ अमावस्या 28 जनवरी को रात 07 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 29 जनवरी को शाम यानी 06 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। 
 

Source: Freepik

ऐसे में सनातन धर्म में उदया तिथि के मुताबिक इस साल बुधवार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।
 

Source: Pexels

मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। 
 

Source: Republic

इस दौरान आप किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं। इस दिन रात 9 बजकर 22 मिनट पर सिद्धि योग का निर्माण भी होने वाला है जो शुभ कार्य के लिए उत्तम समय माना जाता है। 
 

Source: Pexels

मौनी अमावस्या का व्रत करने के लिए आपको ब्रह्म बेला में उठकर सबसे पहले भगवान विष्णु का ध्यान करना है। मौनी अमावस्या पर बोलना वर्जित होता है। इसलिए सुबह उठते ही मौन व्रत धारण करें।
 

Source: Pexels

सुबह गंगा नदी आदि में स्नान करें और सर्वप्रथम भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद दक्षिण दिशा में मुख कर पितरों को जल का अर्घ्य दें।
 

Source: Unsplash

अब भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति को घर के मंदिर में स्थापित कर उनकी पूजा पूरे विधि-विधान से करें। इस समय विष्णु चालीसा का पाठ और मंत्रों का जाप जरूर करें।
 

Source: Pexels

पूजा-पाठ, दान-पुण्य करने के बाद आप मौन व्रत खोल सकते हैं। इस दिन गरीबों को खाना जरूर खिलाएं। 
 

Source: Unsplash

Next Story