महाकुंभ के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार को 13 अखाड़ों के साधु संतों ने बारी-बारी से अमृत स्नान किया।
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मेला प्रशासन के मुताबिक, दोपहर तीन बजे तक 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
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अखाड़ों में सबसे पहले सन्यासी अखाड़ों में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने ‘हर हर महादेव’ के घोष के साथ अमृत स्नान किया।
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ये अमृत स्नान इस लिए भी खास है कि हर 12 साल में पूर्ण कुंभ प्रयागराज में होता है और 12 पूर्ण कुंभ होने पर 144 साल बाद यह महाकुंभ आता है।
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निरंजनी और आनंद अखाड़े के बाद जूना, आवाहन और पंचअग्नि अखाड़े के हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया। जूना के साथ ही किन्नर अखाड़े के संतों ने भी गंगा में डुबकी लगाई।
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सन्यासी अखाड़ों के बाद 3 बैरागी अखाड़ों- श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा ने बारी-बारी से स्नान किया।
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इनके बाद उदासीन अखाड़ों- पंचायती नया उदासीन और पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े ने स्नान किया। सबसे आखिर में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के साधु संतों ने अमृत स्नान किया।
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कड़ाके की ठंड के बावजूद हर दिशा से जनसैलाब सुबह से ही संगम की ओर जाता दिखाई दिया। आम श्रद्धालु स्नान के साथ ही संगम क्षेत्र में अखाड़ों के साधु संतों के भी दर्शन कर रहे हैं।
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