श्रृंगार का पहला चरण स्नान होता है। करवा चौथ के दिन नहाने के पानी में शिकाकाई, भृंगराज, आवंला, और उबटन जैसी सामग्रियों को मिलाकर स्नान करना अति शुभ माना जाता है।
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मंगलसूत्र, जिसे सुहाग का प्रतीक माना जाता है, इसमें काले मोती होते हैं जो बुरी नजरों से रक्षा करते हैं। इसे करवा चौथ पर जरूर पहनें।
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सिंदूर सुहागिन महिला होने की पहली निशानी होता है। इसलिए करवा चौथ के लिए लाल रंग का सिंदूर मांग में जरूर भरें।
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चूड़ियां भी सुहाग का एक प्रतीक हैं। विशेष रूप से लाल और हरे रंग की चूड़ियां पहनने से सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
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मांग टीका माथे के बीचो-बीच पहना जाता है और यह सादगी से जीवन बिताने का प्रतीक होता है। यह महिला की गरिमा और शालीनता को दर्शाता है।
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कान में झुमके या बालियां पहनना विवाहित महिला के लिए बेहद जरूरी होता है। यह राहु और केतु का दोष दूर करने में भी मदद करता है।
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सुहागिन महिलाओं के लिए बिंदी का विशेष महत्व होता है। इसे पहनने से न केवल सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं, बल्कि इससे गुरु के बल को भी बढ़ावा मिलता है।
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मेहंदी न केवल हाथों की सुंदरता को बढ़ाती है, बल्कि इसके पीछे एक और मान्यता है, माना जाता है कि जितनी चटक और गहरी मेहंदी चढ़ती है, उतना ही पति अपनी पत्नी से प्यार करता है।
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बिछिया पहनने से शनि और सूर्य का दोष दूर होता है। यह न केवल नारी के श्रृंगार का हिस्सा है, बल्कि एक आध्यात्मिक महत्व भी रखती है।
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करवा चौथ के दिन सुहागिनें बालों में गजरा लगता हैं। यह सुगंध को बढ़ाकर और सकारात्मकता का संचार करता है।
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सोलह श्रृंगार में नथ का विशेष महत्व होता है। इसे पहनने से चेहरे की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं और यह बुध दोष को भी दूर करता है।
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करवा चौथ पर बाजूबंद पहनने से परिवार में धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। इससे जीवन खुशियों से भर जाता है।
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सोलह श्रृंगार में कमरबंद का भी बेहद खास महत्व है। यह साड़ी को सही तरीके से सेट करने में भी मदद करता है।
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चांदी की पायल पहनने से पैरों की खूबसूरती बढ़ती है। इसके साथ-साथ यह सुरीली आवाज भी उत्पन्न करती है। जो विवाहिता के खुशहाल जीवन के लिए अच्छा है।
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अंगूठी विवाह सूत्र में बंधने की निशानी होती है, जो एकता और प्रेम का प्रतीक है। यह महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण आभूषण माना जाता है।
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आंखों में काजल लगाना भी सोलह श्रृंगार में शामिल है। जो केवल सुंदरता नहीं बढ़ाता, बल्कि मान्यता के अनुसार यह मंगलदोष को भी दूर करता है।
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