अयोध्या में मोदी-मोदी !
प्रभु श्री राम की, जिनपर मचा हुआ है घमासान ....लेकिन सवाल तो ये है कि ये घमासान क्यों....राम तो सबके हैं....ये घमासान सियासी है.....22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है.... इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारी की जा रही है.... कई वीवीआईपी लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं....इसमें कुछ राजनीतिक दलों के नेता भी हैं...कई नेताओं ने निमंत्रण मिलने पर खुशी जताई है, तो कुछ ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया है...मतलब जिनके नाम में है सीता राम, फिर भी वो कह रहे हैं कि नहीं जाएंगे अयोध्या धाम...मैं बात कर रही हूं सीपीआईएम की....यानि सीताराम येचुरी की पार्टी की....वृंदा करात ने साफ कहा कि हमारी पार्टी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी...हम धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं, लेकिन वो यानि बीजेपी इसे राजनीतिक रंग दे रही है...वो इसका राजनीतिकरण कर रही है....जो सही नहीं है.....तो वहीं बीजेपी ने भी दो टूक कह दिया है कि जिन्हें राम का बुलावा होगा वही अयोध्या धाम पहुंचेगा.....आज इसी पर कर रही हूं 5 का प्रहार, कौन कर रहा है राम का राजनीतिकरण और एक तरफ तो आप न्योते- न्योते का शोर मचा रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ इसका अपमान कर रहे हैं.....