Search icon
Download the all-new Republic app:
Published Mar 31, 2022 at 7:55 PM IST

14 साल की उम्र में किया था 'आयुर्वेद' का रुख, आज देशभर में 140 क्लीनिकों को कर रहें लीड; जानें कैसी थी गुरु आचार्य मनीष जी की यात्रा

'आयुर्वेद' दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आज हम सभी इस सदियों पुराने साइंस की प्रमुखता से अच्छी तरह वाकिफ हैं और इसे साकार करने में आचार्य मनीष जी ने अहम भूमिका निभाई है। जब आयुर्वेद और 'ध्यान' की बात आती है, तो आचार्य मनीष जी दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से एक हैं। वह इतने प्रतिष्ठित व्यक्ति कैसे बने, यह उनके बचपन की कहानी से उपजा है। जब कोई डॉक्टर, ज्योतिषी या नुस्खे उसे ठीक नहीं कर सके, तो 14 साल के एक युवा लड़के के रूप में आचार्य मनीष जी ने आयुर्वेद की ओर रुख किया और इससे उनके स्वास्थ्य में आए अंतर से चकित रह गए। तभी उन्होंने इस विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। इस सदियों पुराने समग्र विज्ञान की पूरी समझ प्राप्त करने के लिए, उन्होंने चरक ऋषि की 'चरक संहिता', आयुर्वेद के 'विश्वकोश' का अध्ययन किया।

Live TV