Republic Economic Summit: स्मृति ईरानी ने निवेशकों से की महिला उद्यमियों पर पैसे लगाने की अपील
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने शुक्रवार को महिलाओं की क्षमता और तरक्की पर बात की है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार की योजनाएं कैसे भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति में महिलाओं की क्षमता का इस्तेमाल कर रही हैं। वह रिपब्लिक के 'इंडिया इकोनॉमिक समिट 2021' (India Economic Summit 2021) में बोल रही थीं जब उन्होंने 'भारत के विकास को आकार देने वाली महिलाएं' वाले पैनल में बताया कि कैसे कोरोना ने घर में महिलाओं की भूमिका को बदल दिया है। उन्होंने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) के साथ बातचीत करते हुए निवेशकों से महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे छोटे उद्यमों का समर्थन करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को नई दिल्ली के ताज मानसिंह होटल में आयोजित रिपब्लिक के 'इंडिया इकोनॉमिक समिट 2021' में भारत के बड़े राजनेता, उद्यमी और निवेशक अर्थव्यवस्था और भारतीय विकास पर चर्चा कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी ने की अपनी राजनीतिक चुनौतियों पर बात
ईरानी ने कहा, “वे कहते कि मैं अशिक्षित हूं, वे कहते कि मैं अमेठी नहीं जीत सकती। साथ ही, उन्होंने मेरे वजन पर भी अपमानजनक टिप्पणी की। लेकिन मुझे खुशी है कि 2-3 साल में मैंने उन्हें गलत साबित कर दिया है। उन्होंने आगे महिलाओं के फैसलों का सम्मान करने के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि महिलाओं से घरों, सावधि जमा, फंड इत्यादि जैसी संपत्तियों में निवेश करने के लिए आग्रह करना जरूरी है।”
केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के विकास के लिए मोदी सरकार के फोकस की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “आज वो सरकार है जिसे पता है कि महिलाओं के मुद्दे केवल एक विभाग तक ही सीमित नहीं हैं और एक बच्चे की आवाज भी उतनी ही जरूरी है जितनी किसी पुरुष, महिला या बुजुर्ग की। आज हम संविधान दिवस मना रहे हैं। हमने भारत में अपनी महिलाओं को शुरू से ही वोट देने का अधिकार दिया, जबकि यूके और यूएस जैसे लोगों को इसे देने में कई साल लग गए, जो बहुत कुछ कहता है।”
ईरानी ने कहा, "महिलाओं के प्रति हमारा सबसे बड़ा योगदान गणित और विज्ञान में उन पर विशेष ध्यान देना होगा।" उन्होंने महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करते हुए कहा, "घरेलू हिंसा केवल बेरोजगार महिलाओं तक ही सीमित नहीं है। हमें केवल महिलाओं के कमाने के ऊपर ही बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि उनका अपने पैसे पर कंट्रोल होने पर भी चर्चा करनी चाहिए। हमें निवेश में उनके फैसले पर ध्यान देना चाहिए।"
उन्होंने मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) और डिजिटल इंडिया (Digital India) जैसी पहलों पर बात की और बताया कि ‘कैसे इसने लैंगिक विषमता को पाटने में भूमिका निभाई है क्योंकि योजनाओं की 70% लाभार्थी महिलाएं हैं’। उन्होंने महामारी के असर पर बात करते हुए कहा कि ‘वर्क फ्रॉम होम ने पुरुषों को घरों में काम करते हुए और घरों में महिलाओं के समीकरण को बदलते हुए देखा है’। ईरानी ने नारी से खरीदारी का उदाहरण देते हुए खुशी जताई कि ‘2 करोड़ महिलाएं अब डिजिटल रूप से साक्षर हैं’। उन्होंने कहा कि ‘महिला उद्यमी बस एक ऐसे निवेशक को चाहती हैं जो उनपर भरोसा करे और यही मुख्य संघर्ष है’।
उन्होंने कहा, “23 हफ्ते की मैटरनिटी लीव एक पुरुष प्रधानमंत्री द्वारा लागू की गई थी। भारत के इतिहास में पहली बार, हम योजनाओं के लाभार्थियों, बच्चों, स्तनपान कराने वाली माताओं पर नजर रख रहे हैं ताकी राज्य सरकारों के सहयोग से मुद्दों को संबोधित किया जा सके। इस बजट में, हमने घरेलू हिंसा पीड़ितों के लिए वन-स्टॉप सेंटर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। क्या हम काफी कर रहे हैं? हम स्थिर नहीं हैं, हम अभी भी आगे बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा- “मुझे एक समय याद है जब वर्क फ्रॉम होम महिला पेशेवरों के लिए मौत की घंटी थी। महामारी WFH कॉन्सेप्ट में संतुलन लेकर आई, पुरुष भी घर से काम कर रहे थे। इससे उच्च लिंग समानता हासिल करने में मदद मिली। विपक्ष के कई लोगों ने पूछा कि क्यों डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दें? लेकिन मैंने महामारी के दौरान 2 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को डिजिटल रूप से साक्षर होते देखा है।”
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ने कुछ समय पहले महिला उद्यमियों के लिए ‘नारी से खरीदारी’ पहल शुरू की थी जिसके तहत सभी से महिलाओं से सामान खरीदने की अपील की गई।
इस पर ईरानी ने कहा- “जब हमने 'नारी से खरीदारी' शुरू किया तो हमें एक फेसबुक पोस्ट पर 38 करोड़ इंप्रेशन मिले। हमने लोगों से कहा कि अगर उन्हें एक महिला उद्यमी दिखे तो प्लीज उससे खरीद लें और लोगों ने इसे गंभीरता से लिया। चूंकि यह एक इकोनॉमिक समिट है, तो मैं सभी उद्योग जगत के लीडर्स से आग्रह करती हूं कि महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे छोटे उद्यमों पर पैसा लगाएं।”
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