Published 15:39 IST, June 18th 2024
सेल्फ बैग ड्रॉप वाला पहला हवाई अड्डा बना दिल्ली एयरपोर्ट, जानिए यात्री कैसे करेंगे इस्तेमाल
दिल्ली एयरपोर्ट ने कामयाबी की नई इबारत लिखी है। टोरंटो के बाद विश्व का दूसरा और देश का पहला हवाई अड्डा जहां अत्याधुनिक सेल्फ बैग ड्रॉप सुविधा उपलब्ध होगी!
- टेक्नोलॉजी
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Delhi Airport SSBD Facility: एक ऐसी टेक्नोलॉजी जिससे समय की बचत होगी और क्विक ड्रॉप सोल्यूशन बोर्डिंग पास की जरूरत और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की जरूरत को भी कम कर देगा। इसकी जानकरी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने दी।
फर्म ने एक बयान में खुशखबरी दी! बताया कि टर्मिनल 1 और 2 में सेल्फ सर्विस बैग ड्रॉप (SSBD) सुविधा का विस्तार किया है, जिससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का पहला और टोरंटो एयरपोर्ट के बाद दुनिया का दूसरा एयरपोर्ट बन गया है, जिसने इस पहल को लागू किया। पिछले साल जून में, दिल्ली एयरपोर्ट ने टर्मिनल 3 के लिए ये सुविधा शुरू की गई थी।
इससे होगा क्या?
टर्मिनल 1 और 3 में लगभग 50 SSBD यूनिट अब यात्रियों को कॉमन यूज सेल्फ सर्विस (CUSS) कियोस्क पर अपने बोर्डिंग पास और बैगेज टैग प्रिंट करके चेक-इन डेस्क को बायपास करने में सक्षम बनाएगी। SSBD यूनिट में पहुंचने पर, यात्री अपने बोर्डिंग पास को स्कैन कर सकते हैं या बायोमेट्रिक कैमरों का उपयोग कर सकते हैं, फिर कुछ ही मिनटों में प्रक्रिया पूरी करके अपने बैग को कन्वेयर बेल्ट पर छोड़ सकते हैं।
क्या है क्विक ड्रॉप सॉल्यूशन?
DIAL ने क्विक ड्रॉप सॉल्यूशन भी पेश किया है, जो बोर्डिंग पास या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की जरूरत को को समाप्त करता है, क्योंकि ये विवरण पहले से ही यात्री के बैगेज टैग पर एनकोड किए गए हैं। इससे प्रोसेसिंग का समय लगभग एक मिनट से घटकर सिर्फ 30 सेकंड रह जाएगा।
क्विक ड्रॉप सॉल्यूशन वर्तमान में एयर इंडिया, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए उपलब्ध है।
क्विक ड्रॉप सॉल्यूशन की मुख्य विशेषताएं:
- कियोस्क से बैग टैग संग्रह: यात्री हवाई अड्डे पर पहुंचने पर CUSS कियोस्क पर अपने बैग टैग एकत्र करते हैं और उन्हें अटैच करते हैं।
- SBD पर बैग प्लेसमेंट: यात्री अपने बैग SBD कन्वेयर बेल्ट पर रखते हैं।
- एयरलाइन एप्लिकेशन एकीकरण: सिस्टम एक क्लिक के साथ SBD मशीन पर संबंधित एयरलाइन (एयर इंडिया, इंडिगो या एयर इंडिया एक्सप्रेस) का एप्लिकेशन खोलता है।
- सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म: यात्री एक क्लिक साथ खतरनाक सामान स्व-घोषणा फॉर्म से सहमत होते हैं।
- वेरिफिकेशन और ड्रॉप: SBD सिस्टम internally एयरलाइनों द्वारा परिभाषित सभी तय स्टैंडर्ड्स और बिजनेस नियमों की जांच करता है। एक बार सत्यापन पूरा हो जाने पर, बैग स्वचालित रूप से काम करने लगता है।
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Updated 16:01 IST, June 18th 2024