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Published 23:41 IST, November 27th 2024

भारत में क्रिकेट मजहब है, लेकिन... वर्ल्ड एथलेटिक्स के प्रमुख सेबेस्टियन कोए का बड़ा बयान

विश्व एथलेटिक्स के प्रमुख सेबेस्टियन कोए ने भारत में क्रिकेट को लेकर बड़ा बयान दिया है। हाल ही में वो दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे।

वर्ल्ड एथलेटिक्स के प्रमुख सेबेस्टियन कोए | Image: AP

Athletics: विश्व एथलेटिक्स के प्रमुख सेबेस्टियन कोए जानते हैं कि भारत में क्रिकेट मजहब से कम नहीं, लेकिन उनका मानना है कि इसे दूसरे खेलों के अवरोधक के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि नीरज चोपड़ा जैसे चैंपियन पैदा करके दूसरे खेल क्रिकेट के दबदबे को तोड़ सकते हैं।

अगले साल अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के चुनाव में अध्यक्ष पद के दावेदार को पिछले दो दिन से भारत में हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात करके भारतीय खेलों के विकास पर चर्चा की।

खेलों की महाशक्ति बनने की भारत की क्षमता पर भरोसा जताते हुए चार बार के ओलंपिक पदक विजेता मध्यम दूरी के पूर्व धावक ने कहा- 

जब आपके पास ऐसा खिलाड़ी हैं जो ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप खिताब जीत रहे हैं तो इसके मायने हैं कि खेल सही दिशा में जा रहे हैं।

उन्होंने पीटीआई को फोन पर दिए इंटरव्यू में कहा- 

जब आपके पास नीरज जैसा खिलाड़ी है तो आप दूसरे खेलों को अच्छी चुनौती दे सकते हैं। हमें पता है कि क्रिकेट यहां मजहब की तरह है। ये महत्वपूर्ण है कि भारत के पास जनता और प्रसारकों में लोकप्रिय खिलाड़ी हों। नीरज में ये गुण है।

चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भालाफेंक में स्वर्ण जीतने के बाद पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीता। 68 वर्ष के सेबेस्टियन कोए ने कहा- 

क्रिकेट को अवरोध नहीं मानना चाहिये क्योंकि हर देश में ऐसे खेल हैं जिनका दबदबा है । ब्रिटेन में फुटबॉल है लेकिन हमारे पास ट्रैक और फील्ड में भी शानदार टीम है। जो है उसे स्वीकार करना होगा। आप ये सोचकर ही नहीं बैठ सकते कि भारत में क्रिकेट या फुटबॉल या कोई और खेल मजबूत है। ये सोचकर हार नहीं मानी जा सकती। आपको अधिक प्रयोगधर्मी होना होगा, रचनात्मक भी। खेलों का परिदृश्य काफी प्रतिस्पर्धी है। 

PM मोदी से मुलाकात पर क्या बोले?

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा- 

मैं आपसी बातचीत का खुलासा नहीं करूंगा, लेकिन हमने भारत में बड़े आयोजकों के महत्व पर बात की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बड़े टूर्नामेंटों से बेहतर प्रतिस्पर्धा ही नहीं होती, बल्कि इसका समाज खासकर युवाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव होता है। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि भारत में बड़े टूर्नामेंट हों।

बता दें कि भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने के लिए काफी उत्साहित है। भारत ने इस संबंध में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) को अपना प्रस्ताव भी सौंप दिया है। 

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 23:41 IST, November 27th 2024

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