Published 19:51 IST, August 8th 2024
'मेरा बेटा गोल्ड लेकर आएगा, 16 दिन से बात नहीं हुई', नीरज चोपड़ा की मां के लिए एक-एक पल भारी
Paris Olympics 2024: रिपब्लिक से बात करते हुए नीरज चोपड़ा की मां ने कहा कि सिर्फ उनको ही नहीं बल्कि पूरे गांव को पूरा भरोसा है कि बेटा पेरिस से सोना लेकर आएगा।
Advertisement
Neeraj Chopra Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को अभी भी अपने पहले गोल्ड मेडल की तलाश है। उम्मीद की जा रही थी कि पहलवान विनेश फोगाट देश को सोना दिलाएंगी, लेकिन उन्हें फाइनल खेलने से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया है। अब पूरे देश को भाला फेंक में नीरज चोपड़ा से उम्मीद है। नीरज चोपड़ा ने क्वालीफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर भाला फेंककर अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ा संदेश दिया है। नीरज की मां को पूरा भरोसा है कि उनका बेटा गोल्ड जीतकर लाएगा।
रिपब्लिक भारत से बात करते हुए नीरज चोपड़ा की मां ने कहा कि सिर्फ उनको ही नहीं, बल्कि पूरे गांव को पूरा भरोसा है कि बेटा पेरिस से सोना लेकर आएगा। परिवार के साथ पूरे गांव ने पहले से जश्न मनाने की तैयारी कर रखी है, पूरे गांव में जश्न का मौहाल है। उन्होंने बताया कि नीरज इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पिछले 16 दिनों से बेटे से कोई बात नहीं हुई, वो अपनी तैयारी में बिजी है। नीरज चोपड़ा की मां ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि मेरा बेटा मेहनती है, इसलिए गोल्ड लेकर ही आएगा।
Advertisement
कड़ी चुनौती का करना होगा सामना
नीरज चोपड़ा ने भले ही क्वालीफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर भाला फेंककर अपने प्रतिद्वंदियों के लिए मुश्किल खड़ी करदी हो, लेकिन मौजूदा ओलंपिक चैंपियन को इतिहास में नया अध्याय जोड़ने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक की तरह यहां भी कुछ सेकंड में फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया, लेकिन इस बार पिछले ओलंपिक की तुलना में चुनौती अधिक कड़ी है। कुल 9 खिलाड़ियों में से पांच ने नीरज की तरह अपने पहले थ्रो में ही फाइनल में जगह बनाई है। नीरज के लिए ये खिलाड़ी बड़ी चुनौती साबित होंगे।
इतिहास रचने से एक कदम दूर
नीरज चोपड़ा के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 8 साल का लंबा अनुभव है। चोपड़ा ने फाइन को लेकर कहा कि 'हर खिलाड़ी की अपनी अलग मानसिकता और अलग स्थिति होती हैं। जिसने क्वालीफाई किया है, उसने अपनी तरफ से बेहतर तैयारी कर रखी है।' नीरज फाइनल में ओलंपिक के इतिहास में खिताब बरकरार रखने वाले पांचवां पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनने के इरादे से उतरेंगे। अगर वह खिताब जीतते हैं तो ओलंपिक व्यक्तिगत वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे।
Advertisement
ओलंपिक की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में अभी तक एरिक लेमिंग (स्वीडन, 1908 और 1912), जोन्नी माइरा (फिनलैंड, 1920 और 1924), चोपड़ा के आदर्श जान जेलेंजी (चेक गणराज्य, 1992 और 1996 ) और आंद्रियास टी (नॉर्वे, 2004 और 2008 ) की ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में अपने खिताब का बचाव कर पाए हैं।
दो पदक जीतने वाले खिलाड़े
हालांकि अगर नीरज कोई भी पदक अपने नाम करते हैं तो भी वह आजादी के बाद दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले सिर्फ चौथे भारतीय खिलाड़ी होंगे। आजादी के बाद बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू (एक रजत और एक कांस्य), पहलवान सुशील कुमार (एक रजत और एक कांस्य) और निशानेबाज मनु भाकर (दो कांस्य) ही भारत के लिए दो ओलंपिक पदक जीत पाए हैं।
Advertisement
करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
नीरज ने ग्रुप ए और बी दोनों में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में प्रवेश किया और इस तरह एडक्टर की चोट से जुड़ी चिंताओं को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया। यह नीरज के करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इस गत ओलंपिक और विश्व चैंपियन ने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ टोक्यो ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था जबकि उनका निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है, जो उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम डाइमंड लीग में रजत पदक जीतने के दौरान किया था। यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है।
चोपड़ा को फाइनल में ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स और पाकिस्तान के अरशद नदीम से कड़ी चुनौती मिल सकती है, जो सही समय पर फॉर्म में लौटे हैं। इनके अलावा टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के याकुब वालडेच भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Advertisement
19:51 IST, August 8th 2024